मुरादाबाद (डेस्क)। मुरादाबाद सीट पर समाजवादी पार्टी ने पहली बार हिंदू कार्ड खेला है। इस सीट पर पार्टी ने कभी हिंदू प्रत्याशी नहीं उतारा। यहां सपा केवल मुस्लिम प्रत्याशी पर ही दांव लगाती रही है। अखिलेश यादव का ये सियासी तीर बिल्कुल सटीक तरीके से बीजेपी प्रत्याशी और भाजपाई को चुब रहा है। काजीपुरा में फरीद मलिक एडवोकेट के द्वारा जो जनसभा बीती रात आयोजित कराई गई थी उसमें मुस्लिम समाज के अलावा हर समाज का वोट मौजूद था। जो चर्चा का विषय बना है।

मुस्लिम बाहुल्य मुरादाबाद लोकसभा सीट पर सपा ने पहली बार हिंदू कार्ड खेलकर सभी को चौंका दिया। अब तक सपा इस सीट पर केवल मुस्लिम प्रत्याशी पर ही दांव लगाती रही है। इतना ही नहीं ये भी पहली बार देखने को मिला है कि सपा ने इस सीट पर किसी महिला को मौका दिया। अब भाजपा और बसपा सपा के इस दांव का तोड़ तलाशने में जुटी हैं।

सपा ने पहली बार 1996 में मुरादाबाद लोकसभा सीट पर डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था। तब वह जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे। उस चुनाव से लेकर 2019 तक सपा इस सीट पर प्रत्याशी उतारी रही लेकिन कभी हिंदू प्रत्याशी को मौका नहीं दिया।
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2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने पहले डॉ. एसटी हसन को टिकट दिया था लेकिन नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया। सपा ने डॉ. एसटी हसन का टिकट काट कर रुचि वीरा को मैदान मौका दिया।
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सपा का गढ़ कहे जाने वाले मुरादाबाद में सपा ने पहली बार हिंदू कार्ड खेला है। सपा का ये नया दांव सफल हो जाएगा या नुकसान उठाना पड़ेगा, ये तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ हो जाएगा लेकिन मुरादाबाद सीट से रुचि वीरा के प्रत्याशी बनाए जाने से चुनाव दिलचस्प हो गया है।
डॉ. एसटी हसन दो बार डॉ. बर्क को चार उतारा मैदान में उतारा
सपा ने मुरादाबाद लोकसभा सीट पर डॉ. एसटी हसन को 2014 और 2019 में मैदान में उतार था जबकि डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को 1996, 1998,1999 और 2004 को सीट सीट पर उम्मीदवार बनाया था।
मुरादाबाद सीट पर अब तक ये रहे हैं सांसद
1971- वीरेंद्र अग्रवाल
1977- गुलाम मोहम्मद खान
1980- गुलाम मोहम्मद खान
1984- हाफिज मोहम्मद सिद्दीकी
1989- गुलाम मोहम्मद खान
1991- गुलाम मोहम्मद खान
1996- डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क
1998- डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क
1999- चंद्र विजय सिंह उर्फ बेबी राजा
2004- डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क
2009- मोहम्मद अजहरउद्दीन
2014- सर्वेश सिंह
2019- डॉ. एसटी हसन