करीब छह महीने पहले तत्कालीन एसीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी ने मोहनपुर में की थी लैब पर कार्यवाही

मुरादाबाद। स्वास्थ्य विभाग अभियान के दौरान अपंजीकृत पैथोलॉजी लैबों को पहले सील कर देता है बाद में मोटी रकम वसूलकर ताला तोड़ने की मौखिक अनुमति भी देता है इसलिए बिना रजिस्ट्रेशन के जिले में करीब दस हजार से भी अधिक पैथोलॉजी लैब अवैध रूप से संचालित है। विभाग के अधिकारीयों के इस सुविधा शुल्क की आड़ में संचालकों के हौंसले बुलंद हैं। ऐसा ही एक मामला कुंदरकी नगर पंचायत मोहनपुर का सामने आया है।

मोहनपुर में इंडियन पैथोलॉजी लैब को करीब छह महीने पहले एसीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी ने रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर सीलबंद किया था। बाद में सांठगांठ के बाद लैब की सील तोड़कर संचालक ने फिर बिना रजिस्ट्रेशन के कार्य शुरू कर दिया है। संचालक से जब फोन पर इसकी जानकारी ली गई तो बताया गया कि अक्टूबर महीने में लैब सील हुईं थीं लेकिन नरेंद्र चौधरी के कहने पर खोल दी गई है।
रजिस्ट्रेशन के सवाल पर बताया गया कि लखनऊ के चिकित्सक डा. विकास कुमार के कागज के सहारे अभिलेखों पर रिपोर्ट बनाई जा रही है सीएमओ दफ्तर में फिलहाल पंजीकरण नहीं कराया है। असल में आज भी इस लैब पर अनट्रेंड स्टाफ डोर टू डोर जाकर मरीजों का खून निकाल कर फर्जी हस्ताक्षर से रिपोर्ट तैयार करते हैं। आधी अधुरी रिपोर्ट पर विश्वास करके मरीज़ अपना उपचार कराते हैं और पैसें देकर भी अपनी जिंदगी से खिलवाड़ अंजाने में कर रहे हैं।
ये बोले सीएमओ डा. कुलदीप चौधरी

कार्यालय के रिकॉर्ड में इंडियन पैथोलॉजी लैब आज भी सील है यदि उसका ताला संचालक ने तोड़ा है तो फिर कार्यवाही कराई जाएगी। बिना रजिस्ट्रेशन के लैब किसी सूरत में नहीं चलने दी जाएगी। कुंदरकी चिकित्सक अधीक्षक सौरव बरतारिया को भेजकर जांच कराई जाएगी।