Advertisement

मुरादाबाद ( डेस्क)। प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड में भी जालसाजी का शिकार होना पड़ रहा है यानि जनसेवा केंद्र पर पैसें लेकर फर्जी कार्ड बनाए जा रहे हैं जिसका खुलासा सीएमओ कार्यालय में आयुष्मान पटल पर दिखाई दें रहा है।2011 की जनगणना सूची में हमारा नाम है, मगर आयुष्मान कार्ड बनवाने गए तो पता चला कि हमारे नाम से कार्ड पहले ही बन चुका है। हमने तो नहीं बनवाया। सीएमओ कार्यालय में आने वाले तमाम लोग ऐसी ही शिकायत आयुष्मान प्रभारी से करते हैं। शुक्रवार को भी कई लोग सीएमओ कार्यालय पहुंचे।
Advertisement

ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि कुछ स्वार्थी जन सेवा केंद्र संचालक जरूरतमंद लोगों से 1200 से 1500 रुपये उनका फर्जी आयुष्मान कार्ड बना रहे हैं। असल में वह आयुष्मान कार्ड मिलते-जुलते नाम वाले किसी और व्यक्ति का होता है।जब असली व्यक्ति आवेदन करता है तो उसे पता चलता है कि कार्ड कोई और बनवा चुका है। इसी तरह जिन लोगों का नाम सूची में न होने के बावजूद पैसे लेकर जन सेवा केंद्र संचालक ने उनका आयुष्मान कार्ड बना दिया, वे भी परेशान हैं।
उन्हें निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने पर पता चलता है कि यह आयुष्मान कार्ड उनका नहीं है। फर्जी कार्ड बनाने वाले लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर अपना खूब प्रचार कर रहे हैं। इन सब मामलों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग खामोश है। सिर्फ लोगों की शिकायत पर उनके नाम से बना आयुष्मान कार्ड रद्द करने के लिए स्टेट को सूचना भेज दी जाती है।
केस एक-
शाहपुर तिगरी निवासी पूनम सिंह ने अपना आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किया। साइबर कैफे वाले ने उन्हें बताया कि उनका कार्ड पहले ही बन चुका है। पूनम का कहना है कि उन्होंने नहीं बनवाया, वह शिकायत लेकर सीएमओ कार्यालय पहुंचीं तो मामले का पता चला। किसी अन्य पूनम देवी नाम की महिला का आयुष्मान कार्ड उनके नाम पर बना हुआ है। उन्होंने कार्ड निरस्त करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया है।
केस दो-
लाइनपार निवासी अशोक वर्मा अपने बेटे का हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने निजी अस्पताल गए थे। उन्होंने वहां बेटे का आयुष्मान कार्ड लगाया। अस्पताल प्रबंधन ने चेक किया तो आधार कार्ड में पिता का नाम अशोक वर्मा था, जबकि आयुष्मान कार्ड में अशोक कुमार। उन्होंने बताया कि बेटे का नाम जनगणना सूची में नहीं था। जनसेवा केंद्र पर 1300 रुपये देकर आयुष्मान कार्ड बनवाया था, जोकि काम नहीं आया।
ऐसे पता करें कि आयुष्मान कार्ड असली है या नकली
सबसे पहले जन सेवा केंद्र संचालक से 2011 की जनगणना सूची में अपना नाम चेक कराएं। नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, घर का पता हूबहू होना चाहिए। यदि ऐसा हो तभी आयुष्मान कार्ड बनवाएं। इसके अलावा आधार कार्ड नंबर डालकर भी पात्रता चेक कर सकते हैं। आपका राशन कार्ड होना भी अनिवार्य है।
राशन कार्ड नहीं है और जनगणना सूची में नाम न होने पर जनसेवा केंद्र संचालक कहता है कि कार्ड बन जाएगा लेकिन रुपये लगेंगे तो समझ जाएं कि गड़बड़ है। अन्यथा आपको इलाज के समय अस्पताल में पता चलेगा कि कार्ड किसी और का है।

ये बोले डिप्टी सीएमओ डा.नरेंद्र चौधरी
अनुसूचित जाति, जनजाति व आदिवासी नागरिक
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में कमजोर आय वर्ग वाले लोग
कार्यालय में लोगों की शिकायत पर उनका आयुष्मान कार्ड निरस्त करने के लिए स्टेट को भेज दिया जाता है। हमारे पास किसी भी पात्र ने जनसेवा केंद्र संचालक के खिलाफ शिकायत नहीं की है। यदि लोग शिकायत करेंगें तो हम ऐसे संचालकों के खिलाफ एफआईआर कराएंगे।