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लखनऊ ट्रांसपोर्टनगर हादसा: जांच में गड़बड़ी का हुआ खुलासा, इमारत गिरने से गई सात जानें

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जांच में निर्माण में अनियमितता और सुरक्षा नियमों की अनदेखी का हुआ खुलासा

लखनऊ : ट्रांसपोर्टनगर में तीन मंजिला इमारत ढहने की शासन की उच्चस्तरीय समिति की जांच में नया खेल सामने आया है। पता चला है कि आवदेन के एक साल पहले ही भूखंड का आवंटन कर दिया गया। आवेदन पत्र में आवेदक के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। भूखंड पर अवैध निर्माण कराने में एलडीए के अफसरों, कर्मचारियों की मिलीभगत रही। इनकी गर्दन फंस सकती है। सात सितंबर को कॉमर्शियल बिल्डिंग के अचानक ढहने से सात लोगों की जान चली गई थी। हादसे के कारण का पता लगाने के लिए शासन ने आठ सितंबर को उच्च स्तरीय जांच समिति सचिव गृह संजीव गुप्ता की अध्यक्षता में बनाई। इसने उसी दिन मौके पर जाकर जांच की और एलडीए से बिल्डिंग से जुड़े दस्तावेज और रिपोर्ट मांगी।

इसके बाद एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्रारंभिक जांच के लिए 10 सितंबर को अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में समिति बनाई। इसकी रिपोर्ट पर शासन की जांच समिति ने सवाल खड़े करते हुए उन अधिकारियों-कर्मचारियों के बारे में रिपोर्ट मांगी है, जिन्होंने गलत आवंटन कराने के साथ अवैध निर्माण कराया और कोई कार्रवाई नहीं की।

– एलडीए की रिपोर्ट के मुताबिक जो बिल्डिंग ढही, उस भूखंड का आवंटन 09 सितंबर 2003 को किया गया, जबकि आवेदन 04 नवंबर 2004 को किया गया। आवेदन पत्र पर आवदेक के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। यह धांधली कैसी हुई और इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?


– नौ सितंबर 2022 को अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता ने जांच के बाद बताया था कि भूखंड संख्या सी 54 व सी 55 को मिलाकर तीन मंजिला भवन बना है। यह नियमों के विपरीत था तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और इसके लिए कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं?
– मानचित्र पास किया गया तो क्या अग्निशमन विभाग से एनओसी ली गई थी? जांच में पता चला कि बिल्डिंग के भूतल पर मोबिल आयल जैसे ज्वलनशील पदार्थ का गोदाम था।
– प्रथम तल पर दवाओं और मेडिकल उपकरणों का गोदाम था। इस काम के लिए किन विभागों से एनओसी ली गई और क्या उनके निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा था?
– पिलर में ट्रक की टक्कर लगने से बिल्डिंग ढही, जो आकस्मिक दुर्घटना है। इसका कोई साक्ष्य नहीं है। ऐसे में आकस्मिक दुर्घटना कहना आपत्तिजनक है।
– व्यावसायिक भवन निर्माण के बाद पूर्णता प्रमाण पत्र भवन मालिक के लिए जरूरी है। इसके बाद भी आवंटी ने बिल्डिंग को किराये पर दिया। इसके लिए एलडीए के कौन अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदार हैं?

समिति के आदेश पर होगा अमल
हादसे को लेकर शासन की जांच समिति ने जो जानकारी मांगी है, वह भेजी जाएगी। समिति जो आदेश देगी उस पर अमल किया जाएगा।-प्रथमेश कुमार, वीसी एलडीए

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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