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कुंदरकी उपचुनाव की तैयारी: दिवाली के बाद सपा-भाजपा के बीच प्रचार में बढ़ेगा ताप

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दिवाली की वजह से चुनाव प्रचार में कमी, नेताओं ने त्योहार पर दिया ध्यान

कुंदरकी विधानसभा उप चुनाव में सपा और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। दोनों दलों के नेताओं का मानना है कि दिवाली बाद चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा। बसपा की तरफ से भी किसी वरिष्ठ नेता के आने की संभावना नहीं है। कुंदरकी की मुस्लिम बहुल सीट पर सपा, भाजपा, बसपा और अन्य दल जीत का दावा कर रहे हैं। नामांकन के बाद लोगों का कहना था कि चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। भाजपा के वरिष्ठ नेता दिवाली का त्योहार मनाने में जुट गए। इधर सपा और अन्य दलों के नेता मैदान में प्रचार करने के लिए नहीं आए। त्योहार के कारण राजनीतिक दलों का प्रचार फीका पड़ गया।

सिर्फ सपा और भाजपा नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। सपा के नेता भाजपा की शह पर प्रशासन द्वारा प्रताड़ना का आरोप लगा रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि सपा के नेता गरीबों का निवाला छीन लेते हैं। कई लोगों की जमीनें जबरदस्ती सपा नेताओं ने बैनामा करा ली। इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष आकाश पाल का कहना है कि अभी 30 अक्तूबर को बूथ सम्मेलन है। इसमें पार्टी के नेताओं को चुनाव के लिए तैयार किया जाएगा। पन्ना प्रमुख का भी सम्मेलन किया जाएगा। दिवाली के बाद ही चुनाव प्रचार गति पकड़ेगा।

अभी सपा, भाजपा, बसपा और एआईएमआईएम के प्रत्याशी कुंदरकी क्षेत्र में भ्रमण कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश में लगे हैं। किसी पार्टी का चुनाव प्रचार अभी जोर नहीं पकड़ा है। प्रचार लगभग ठंडा पड़ गया है। लोगों का आंकलन है कि तीन लाख 83 हजार के मतदाताओं वाली कुंदरकी विधानसभा में एक लाख से अधिक मत पाने वाले जीत की तरफ बढ़ेंगे। इधर सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव का कहना है कि पार्टी के नेताओं को सक्रिय किया जा रहा है, लेकिन चुनाव दिवाली बाद अपनी गति पकड़ेगा। बसपा की तरफ से वरिष्ठ नेताओं के आने की सूचना नहीं है।

मतदान के लिए मतदाताओं की पहचान पत्र के पास 12 विकल्प

कुंदरकी विधानसभा उपचुनाव के मतदान के दौरान मतदाताओं को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए 12 विकल्प हैं। किसी एक प्रमाणपत्र को दिखाकर मतदाता अपना मतदान कर सकते हैं। डीएम अनुज सिंह ने बताया कि 29-कुंदरकी उप निर्वाचन के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा। मतदान के समय मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उनको अपनी पहचान के लिए आधार कार्ड, मनरेगा जाॅब कार्ड, बैंकों या डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआई की तरफ से जारी किए गए स्मार्ट कार्ड प्रस्तुत कर सकते हैं। 

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इसके अलावा भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र, राज्य सरकार या लोक उपक्रम पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, सांसदों, विधायकों या विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र और यूनिक डिएसबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के दस्तावेजों में कोई एक प्रस्तुत कर सकते हैं। 

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

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