फर्जी मोहर और ठेकेदार के खाते में पैसा भेजने का खेल: फिरोजाबाद इंडियन बैंक घोटाला
फिरोजाबाद के थाना जसराना की इंडियन बैंक में 91 खाताधारकों द्वारा जमा की जा रही धनराशि को फर्जी मोहर के सहारे पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार के खाते में भेजने के मामले में पुलिस ने बैंक के कैशियर सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी शाखा प्रबंधक अभी फरार है। पुलिस ने आरोपियों के पास से कोई भी धनराशि बरामद नहीं की है। पुलिस का कहना है कि पूरी रकम आरोपियों ने ठेके काम और एक जेसीबी खरीदने में लगा दी है। शाखा प्रबंधक समेत आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने की तैयारी कर रही है।

जसराना के फरिहा रोड पर मौजूद इंडियन बैंक में 91 ग्राहकों के खाते से 1.85 करोड़ की धोखाधड़ी की रिपोर्ट अंचल प्रमुख तरुण कुमार विश्नोई ने थाना जसराना में दर्ज कराई। पुलिस ने एक के बाद एक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला खुल गया। सीओ जसराना अमरीश कुमार ने बताया कि पूर्व शाखा प्रबंधक राघवेंद्र सिंह की मिलीभगत से खाताधारकों की धनराशि आकाश मिश्रा, सोमिल, नीलेश, सुखदेव और वीरबहादुर के खाते में जमा करा दी जाती थी। इनमें से कुछ लोग बैंक में रहकर खाता धारकों से नकदी लेकर फर्जी मोहर लगाकर पर्ची दे दिया करते थे।

पुलिस की जांच में पता चला कि कुंवरपाल का पुत्र प्रवीन पीडब्ल्यूडी में ठेकेदार है। वह पूरी रकम को ठेकेदारी के काम लगा देता था। इसके अलावा आरोपियों ने इसी रकम में से जेसीबी भी खरीदी है। जेसीबी को बरामद करने का प्रयास पुलिस कर रही है। इसके अलावा मैनेजर ठगी गई रकम का हिस्सेदारी के साथ ही ब्याज भी वसूलता था। पुलिस ने कैशियर जयप्रकाश निवासी शक्तिनगर पुरानी तहसील के पास थाना टूंडला, आकाश मिश्रा निवासी इंडियन बैंक के सामने जसराना, वीर बहादुर निवासी शिवनगर थाना कोतवाली मैनपुरी, ठेकेदार प्रवीन कुमार एवं उसके होमगार्ड पिता कुंवरपाल निवासी भैंड़ी को गिरफ्तार किया है। पूर्व शाखा प्रबंधक राघवेंद्र सिंह ने गिरफ्तार आरोपियों व अन्य लोगों के साथ मिलकर पूरे मामले को अंजाम दे रहा था।
एसपी ग्रामीण अखिलेश भदौरिया ने बताया कि पूर्व शाखा प्रबंधक संगठित गिरोह बनाकर आर्थिक धोखाधड़ी का कार्य करता है। मामले में कार्रवाई करते हुए कैशियर, ठेकेदार एवं अन्य तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। मामले के मास्टरमाइंड पूर्व शाखा प्रबंधक को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कई अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आए हैं। सभी की जल्दी ही गिरफ्तारी की जाएगी। कुछ के खाते में धनराशि आ गई है। आरोपियों की कुर्की कराने के भी प्रयास किए जा रहे हैं।