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5 साल बाद आया दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला, तबलीगी जमात के 70 भारतीय बाइज्जत बरी

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कोरोना फैलाने का आरोप था, अब ओपन कोर्ट में सारे केस रद्द हुए

नई दिल्ली। हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने खुले कोर्ट में घोषणा की कि इन सभी मामलों की कार्यवाही को रद्द किया जाता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने तबलीगी जमात से जुड़े 70 भारतीय नागरिकों के खिलाफ सभी केस रद्द कर दिए है‌। इन लोगों पर कोविड-19 वायरस फैलाने का आरोप था।अब कोर्ट ने इनके खिलाफ दर्ज 16 FIR को रद्द करने का आदेश दिया है। यह फैसला पांच साल बाद आया है। कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में इन लोगों पर केस दर्ज किए गए थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने खुले कोर्ट में घोषणा की कि इन सभी मामलों की कार्यवाही को रद्द किया जाता है। इन 16 एफआईआर में जिन 70 भारतीयों को नामजद किया गया था, उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। इनमें आपराधिक साजिश भी शामिल थी। आरोप यह था कि इन्होंने मार्च 24 से मार्च 30, 2020 के बीच देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के विभिन्न मस्जिदों में विदेशी नागरिकों को ठहराया और इससे कोरोना संक्रमण फैला।

FIR में कुल 195 विदेशी नागरिकों के नाम थे। लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर चार्जशीट में उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया था। कुछ ऐसे भी मामले थे जिनमें मजिस्ट्रेट कोर्ट ने डबल जियोपार्डी (यानी एक ही अपराध के लिए दोबारा सजा नहीं दी जा सकती) के सिद्धांत के आधार पर चार्जशीट को संज्ञान में नहीं लिया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुरुआत में महामारी रोग अधिनियम, 1897 की धारा 3 और IPC की धाराएं 188, 269, 270, 120-बी और 271 के तहत सात भारतीयों के खिलाफ FIR दर्ज की थी।

मुकदमे के अलावा बात करें तो कोविड-19 महामारी की शुरुआत में अप्रैल 2020 में अंतरराष्ट्रीय इस्लामी मिशनरी संगठन तबलीगी जमात पर देश में स्वास्थ्य संकट को और बढ़ाने का आरोप लगा। कई नेताओं ने तबलीगी जमात को कोविड-19 फैलाने के लिए जिम्मेदार बताया था और सरकार ने 950 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट कर दिया था। मीडिया में भी तब्लीगी जमात को लेकर काफी नेगेटिव कवरेज हुआ था। इन पर आरोप लगा कि इन्होंने दिल्ली स्थित मरकज़ में आयोजित जमात कार्यक्रम में शामिल होकर आपातकालीन नियमों का उल्लंघन किया। लेकिन अब कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर इन लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

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