
मुरादाबाद (डेस्क)। बीते छह सालों में जिले में क्षय रोग नियंत्रण के लिए तमाम अभियान चले हैं। इसके बावजूद साल दर साल टीबी के मरीजों के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 से 2023 तक ये मामले दोगुने से ज्यादा बढ़ गए हैं। वर्ष 2017 में जिले में टीबी के 6555 केस थे। जबकि 2023 में रिकॉर्ड 14 हजार 855 टीबी के रोगी सामने आए हैं।
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रोगियों की बढ़ती संख्या स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय नहीं हैं, बल्कि इन आंकड़ों को उपलब्धियों की तरह पेश किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि पहले के मुकाबले टीबी की जांच आसान हुई है। इसलिए ज्यादा रोगी सामने आ रहे हैं।
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जबकि वास्तविकता यह है कि जिले के कुछ स्थानों पर ही लगातार टीबी के मरीज मिल रहे हैं। इनमें कटघर, जामा मस्जिद, चक्कर की मिलक, बंगला गांव, बिलारी आदि क्षेत्र शामिल हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इन क्षेत्रों में टीबी की रोकथाम नहीं कर पा रहा है।
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वर्ष 2024 की बात करें तो जनवरी से अब तक 2419 केस मिल चुके हैं। चिंता की बात यह भी है कि एचआईवी मरीजों के मामले भी कुछ चिह्नित क्षेत्रों में ही मिल रहे हैं। कमजोर इम्युनिटी के कारण एचआईवी के मरीज भी टीबी के रोगी बन रहे हैं।
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छह सालों में इस तरह बढ़े हैं टीबी के मरीज
वर्ष मरीजों का आंकड़ा
2017 6555
2018 10140
2019 10829
2020 7344
2021 9764
2022 10384
2023 14855
टीपीटी से टीबी पर लगाम लगाने का दावा
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. एन के कुरैचया ने बताया कि टीबी के मामले न बढ़े इसके लिए विभाग टीपीटी शुरू करने जा रहा है। टीबी प्रीवेंटिव थैरेपी में ऐसे व्यक्तियों को टीबी से बचाव की खुराक दी जाएगी, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है। जिन्हें बार बार बुखार-खांसी की दिक्कत हो जाती है। हालांकि यह दवा देने से पहले इन लोगों की जांच की जाएगी कि कहीं इन्हें पहले से टीबी तो नहीं है। स्वस्थ व्यक्ति को ही टीपीटी दी जाएगी, जिससे नए रोगी न बढ़ें।
रोगी खोजने पर निजी चिकित्सकों को भी मिलेगा प्रोत्साहन
स्वास्थ्य विभाग की योजना के मुताबिक टीबी के रोगी खोजने पर स्वास्थ्य विभाग निजी चिकित्सकों को भी प्रोत्साहन देगा। निजी डॉक्टर मरीजों को प्रेरित करेंगे कि वह जिला क्षय रोग केंद्र में जाकर टीबी की निशुल्क दवा लें। इसके लिए प्रति रोगी के हिसाब से डॉक्टरों के 500 रुपये दिए जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी मरीजों के लिए पोषण पोटली योजना भी जारी रखी है, इनमें उन्हें गुड़, चना, दाल, दलिया आदि पोषण वाली डाइट दी जाएग, जिससे इम्युनिटी मजबूत हो। इसके अलावा रोगियों को डाइट के लिए 500 रुपये प्रतिमाह देने की भी योजना है।