मुरादाबाद। आराध्यम बिल्डर्स की एमडी आभा चौधरी ने प्रेसवार्ता के दौरान बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि 21 अगस्त 2025 को SDM सदर ने बुद्धि विहार स्थित हमारे कमर्शियल प्रोजेक्ट आराध्यम विजनेस सेंटर में स्थित ग्राहकों के ऑफिसों को गलत तरीके से सील किया है। इस ग़लत कार्यवाही से हमारे ग्राहकों में रोष एवं भय का माहौल है। यह प्रोजेक्ट आवास विकास से नक्शा पास कराकर 2018 में डिलीवर और पजेशन दे दिया गया है, यह पूर्ण रूप से बिक चुका है, इसमें हमारी कंपनी का कोई ऑफिस नहीं है।
उन्होंने मुरादाबाद प्रशासन के आदेश पर की गई इस कार्रवाई को बदले की भावना की कार्रवाई बताया और कहा हमारी कंपनी का कार्यालय वसुंधरा गाजियाबाद में स्थित है। जिस वक्त उन्होंने कार्यालय को सील करने की कार्यवाही की उस वक्त ना तो हमारा ऑफिस ना ही स्टाफ यहाँ था। परिसर में स्थित ग्राहकजन के स्कूल स्टाफ से भी इन लोगों ने अभद्रता की, एवं उन्हें डराया धमकाया कि आपका स्कूल सील करेंगे, बड़े शर्म की बात है उस समय स्कूल में क्लासें भी चल रही थी। यह तरीका बहुत गलत है।
मैनेजिंग डायरेक्टर आभा चौधरी ने पत्रकारों से ये भी कहा कि एसडीएम एवं उनके साथ आए लोगों ने हमारे ग्राहकों की एवं परिसर में चल रहे उनके प्रतिष्ठान के स्टाफ से बदतमीजी की, डराया-धमकाया और बोले इन्हें गाड़ी में डाल कर थाने ले चलो। उनके ऑफिस के समान की सूची बनाकर बोले इन सब की नीलामी होगी।
मैनेजिंग डायरेक्टर आभा चौधरी ने दावा किया कि जिस केस के बारे में यह सील करने की कार्यवाही की जा रही है वह केस समाप्त हो चुका है, उसमें पार्टी से समझौता हो चुका है एवं एग्रीमेंट, कुछ पेमेंट एवं बाकी धनराशि के पीडीसी भी पार्टी को दिए जा चुके हैं। जीएसटी डिपार्टमेंट के खाते सीज करने की वजह से उनका वह पेमेंट अटका हुआ है। जो किसी अन्य तरीके से व्यवस्था कर उन्हें दे दिया जाएगा।
आराध्यम कंपनी पर किसी प्रकार की कोई रिकवरी नहीं बनती है। एसडीएम ने बिना किसी सरकारी नोटिस या होम वर्क किए बिना आनन-फानन में यह कार्यवाही कर दी, यह भी नहीं सोचा कि जिन ग्राहको ने यहाँ अपने व्यापार शुरू किए हैं उनकी साख पर क्या प्रभास पड़ेगा।
मैनेजिंग डायरेक्टर आभा चौधरी ने सील करने की कार्यवाही को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर की गई ठहराया और कहा कि सचिन चौधरी जी के राजनीतिक प्रतिद्वंदी इन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। अमरोहा के पूर्व सांसद दानिश अली सत्ताधारी नेताओं से गठजोड़ कर ये कार्यवाही करा रहे हैं।
मेरे पति ने देश के शहीदों के परिवारों को निःशुल्क प्लॉट बाटें, यहाँ तक की उनकी रजिस्ट्री का खर्चा भी खुद उठाया, कोरोना के समय में जीवन की परवाह ना करते हुए लाखों लोगों को उनके घर पहुँचाया, खाना खिलाया, अपनी कंपनी से सस्ते प्लॉट बाँट कर गरीब लोगों के घर लेने के सपने को पूरा किया और इस सेवा का परिणाम और इनाम के बदले उन्हें देशद्रोही कह दिया गया।
इससे ज्यादा शर्म की बात कुछ नहीं हो सकती। हम उनका परिवार होने का खामियाजा भुगत रहे है, 2019 के सचिन जी के चुनाव के बाद और जब से मैंने गढ़ से विधायक का चुनाव लड़ा तब से ये मेरे भी पीछे पड़ गए हैं, एक के बाद एक असंवैधानिक कार्यवाही कर हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। पहले खाते सीज किए गए, फिर देशद्रोह का मुकदमा और अब हमारी कंपनी के प्रोजेक्ट को सील कर हमसे पता नहीं की गुनाह का बदला लिया जा रहा है।
मैनेजिंग डायरेक्टर आभा चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री डीएम और एसडीएम मुरादाबाद से अनुरोध करते हुए कहा कि जिस नोटिस के आधार पर वह इस कार्यवाही को अंजाम देकर गए हैं। कम से कम वह नोटिस तो मुझे उपलब्ध कराए, एक खाली कागज पर नीले पेन से लिखकर बच्चों की तरह यहाँ कागज चिपका कर मेरे ग्राहकों का ऑफिस सील कर दिया यह बहुत अनुचित है।