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मुरादाबाद न्यायालय में 23 साल चला मुकदमा, पति समेत तीन को सात वर्ष की सजा, दहेज उत्पीड़न और जान से मारने के प्रयास में अदालत ने दिया दोषी करार

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मुरादाबाद (डेस्क)। दहेज उत्पीड़न और जान से मारने के प्रयास में अदालत ने पति और उसके भाइयों को दोषी करार देते हुए उन्हें सात-सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीनों पर जुर्माना भी लगाया है। कांठ के हजरत नगर गढ़ी निवासी मुन्नी पत्नी हनीफ ने तीन फरवरी 2001 को मुरादाबाद के महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

इसमें महिला ने बताया था कि उसकी बेटी छुनिया की शादी करीब नौ साल पहले अगवानपुर निवासी शमीम पुत्र जमील के साथ हुई थी। शादी में दिए गए दहेज से बेटी के ससुराल वाले नाखुश थे। आए दिन उसके साथ मारपीट करते थे। 20 जनवरी 2001 की रात छुनिया कमरे में सो रही थी।

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तब शमीम और उसके परिजन मुकीम, शमीमा, नसीमा, काला उर्फ काली ने एक राय होकर विवाहिता के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क दिया और आग लगा दी। जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई थी। मुन्नी अगले दिन अपनी बेटी से मिलने गई तो घटना की जानकारी हुई थी

जिसके बाद अगवानपुर पुलिस चौकी पर प्रार्थना पत्र दिया था। जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या प्रथम मोहम्मद फिरोज की अदालत में की गई।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार यादव ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने पति शमीम, उसके भाई मुकीम और काली उर्फ काला के खिलाफ आरोपपत्र अदालत में पेश किया गया था।

अदालत ने पत्रावली पर मौजूद पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और अन्य गवाहों के बयानों के आधार पर तीनों आरोपियों को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई है साथ ही पति शमीम पर सात हजार रुपये और भाइयों पर पांच- पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

Jarees malik

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