तय समय पर नहीं दी हाजरी तो देने होंगे प्रतिदिन 50 हजार रुपए

मुरादाबाद। जिलाधिकारी अनुज सिंह के सख्त निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग ने जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं। मरीजों की जिंदगी से लगातार हो रहे खिलवाड़ और सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया पर सामने आ रही मौतों की खबरों को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मेडिकल एक्ट के तहत 157 झोलाछाप डॉक्टरों को नोटिस जारी किये है।

नोटिस में साफ चेतावनी दी गई है कि तय समय पर डीएम कार्यालय में उपस्थित होकर पक्ष नहीं रखने पर प्रत्येक दिन के हिसाब से ₹50,000 का जुर्माना देना होगा। इस कार्रवाई से झोलाछाप डॉक्टरों में हड़कंप मचा हुआ है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की पूर्व की “सील और डील” कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगे हैं।
जिले भर में फैला 5 हजार से अधिक झोलाछापों का जाल
पाकबड़ा, कुंदरकी, मुंडापांडे, भगतपुर, भोजपुर, ठाकुरद्वारा, कांठ, छजलैट, बिलारी और डिलारी जैसे क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर वर्षों से बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। कई बार अस्पताल, क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब सील की गईं, मुकदमे भी दर्ज हुए, लेकिन कुछ समय बाद मिलीभगत से ये संस्थान दोबारा खुल गए। दरअसल झोलाछाप डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के बीच सील और डील का खेल बड़े पैमाने पर चलता है।
संभल जिले का उदाहरण
नजदीकी जिला संभल में डीएम और एसपी की संयुक्त टीम ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सील तोड़कर चल रहे अस्पतालों पर छापेमारी की थी। वहां भी स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी। हालांकि कुछ कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हुई और बाद में हालात जस के तस हो गए।
मुरादाबाद में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई
जिलाधिकारी अनुज सिंह ने सीएमओ डॉ. कुलदीप चौधरी को झोलाछापों पर पूर्ण अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने पहली बार बड़े पैमाने पर डॉक्टरों को नोटिस जारी किया है। अब तक कार्रवाई सिर्फ छोटे स्तर पर होती थी, लेकिन इस बार प्रशासन का रुख संभल जिले की तरह “बड़े एक्शन मोड” में दिखाई दे रहा है।
डीएम के सख्त संदेश


डीएम अनुज सिंह ने साफ कहा है
“झोलाछाप डॉक्टर किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे। मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वालों पर लगातार कड़ी कार्रवाई होगी।” किसी भी हाल में अपंजीकृत अस्पतालों और क्लीनिक चलने नहीं दिये जाएंगे।