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हज़रत अली ने गरीबों को फ्री राशन देने की थी व्यवस्था: मौलाना अफाक़

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हज़रत अली अले0 की काबे पैदाइश और मस्जिद में हुई शहादत

हज़रत अली अले0 की शहादत से शिया समुदाय शोक में डूबा मजलिस व जुलूस निकला

शिया समुदाय ने हज़रत अली शहादत के गम में काले कपडे पहने

कुंदरकी (डेस्क)। शेरे खुदा हज़रत अली अले0 के सामने इस्लाम के दुश्मन के हाथ कांप जाते थे । कूफ़े की मस्जिद में आतंकी पहली घटना को अंजाम देते हुए दुश्मन ए इस्लाम ने 19 रमज़ान को हज़रत अली अले0 को नमाज़ के दौरान सज़दे में सर पर ज़हर से बुझी तलवार से वार करके जख्मी कर दिया था जिससे आप की 21 रमजान को शहादत हो गई थी इसी ग़म में शिया समुदाय ने मजलिस व शबीह ए ताबूत निकालकर हज़रत अली अले0 की शहादत को याद किया ।

सोमवार को सुबह की नमाज़े के बाद नगर स्थित हज़रत इमामबाड़ा अबूतालिब अले0 में शेर ख़ुदा व रसूले करीम के चचेरे भाई व दामाद हज़रत अली अले0 इब्ने हज़रत अबूतालिब की शहादत के गम में मजलिस का आयोजन किया गया।

जिसमें कमर अब्बास काज़मी ने मरसिया पढ़ा और मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना अफाक़ आलम जैदी ने कहा कि रसूले करीम ने फ़रमाया कि में शहरे इल्म हु ओर हज़रत अली उसका दरवाज़ा है और हज़रत अली में जानशीन है और हज़रत अली के बेटे इमाम हसन और इमाम हुसैन जन्नत के सरदार है।

हज़रत की पत्नी जनाबे फ़ातेमा जन्नती औरतों की सरदार है । अहलेबैत की मुहब्बत ही जन्नत की कुंजी है ।मौलाना ने कहा कि हज़रत अली अले0 की अज़मत यह है कि आपकी पैदाइश खाना ए काबा में हुई और हज़रत अली शहादत मस्जिद में हुई हज़रत अली की जिंदगी हमारे लिए नमूने अमल है।

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हज़रत अली अले0 ने अपने दौरे हुकूमत में गरीबों को फ्री राशन देने की व्यवस्था करने के साथ ही गरीबों यतीमों बेसहारा लोगो की मदद करने का संदेश दिया और हज़रत अली अले0 ने फरमाया की में इबादत अल्लाह की इबादत जन्नत के लालच या दोज़ख़ के ख़ौफ़ से नही करता बल्कि में इसलिए इबादत करता हू कि खुदा इबादत के लायक है ।

हज़रत इमाम अली अले0 को कूफ़े की मस्जिद में 19 रमजान को नमाज की हालात में सज़दे के दौरान अब्दुल रहमान इब्ने मुल्जिम ने सर पर तलवार से वार करके जख्मी कर दिया था जिससे हज़रत इमाम अली की 21 रमज़ान को शहादत हो गई थी ।

हज़रत अली की शहादत सुनकर अजादारों की आंखे नम हो गई । नम आंखों के बीच हज़रत इमाम अली का शबीह ए ताबूत बरामद हुआ इस दौरान अंजुमन शाने हैदरी, अंजुमन अल मुर्तज़ा, अंजुमन अकबरी ने नोहा ख्वानी की तथा जूलूस मरहूम नजमुल हसन रिज़वी के अजाखाने में पहुच कर समाप्त हुआ तथा वही अख्तर हसनैन रिज़वी के अजाखाने में महिलाओं की मजलिस हुई व शबीह ए ताबूत बरामद हुआ ।

हज़रत अली शहादत के गम में शिया समुदाय ने एक दिवसीय शौक दिवस मनाते हुए काले कपडे पहन लिए और अजाखनो व देर शाम हज़रत अली अले0 की शिया समुदाय के हर घर मे नज़र दिलाई गई ।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

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