इंडियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कौसर हयात खान ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उन्हें ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए
मुरादाबाद (डेस्क)। मुरादाबाद के पीतल नगरी स्थित अपने आवास पर आज इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कौसर हयात खान ने कहा इस्लाम में नमाज़ का समय पर अदा करना हर एक मुसलमान पर फ़र्ज़ (बाध्यकारी) है और नमाज़ में कोई शोर शराबा अथवा गाना बजाना नहीं होता।
नमाज़ बहुत शांति के साथ अदा की जाती है। प्रदेश में मुसलमानों की तादाद के मुकाबले मस्जिदों की तादाद बहुत कम है। अतः समय पर नमाज़ अदा करने की बाध्यता के कारण मस्जिद में जगह कम होने पर मजबूरी में सड़क पर नमाज़ अदा करनी पड़ती है। प्रशासन व पुलिस नई मस्जिद बनाने, या पुरानी मस्जिदों की मरम्मत व विस्तारीकरण में रुकावट पैदा करता है। ऐसी सूरत में जगह न मिलने पर सड़क पर नमाज़ अदा करना एक मजबूरी है।

इसके विपरीत अन्य धार्मिक त्योहारों व शोभा यात्राओं में प्रतिबंधित डीजे पर बहुत ज्यादा शोरशराबा और गाना बजाना होता है। पुलिस व प्रशासन का भरपूर सहयोग रहता है। सरकार की तरफ से हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाती है और कई कई दिन तक राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित कर दिए जाते हैं। जिससे आम जनमानस को बहुत कष्ट होता है। यह सरासर धार्मिक तुष्टीकरण है। जबकि ईद की नमाज़ में अधिकतम दो घंटे और अन्य नमाजों में इस से कम समय लगता है।
इन धार्मिक त्योहारों, शोभा यात्राओं व नमाज़ पढ़ने को लेकर एक धर्म के मानने वालों ने दूसरे धर्म के मानने वालों का कभी कोई विरोध नहीं किया। केवल प्रशासन व पुलिस को ही आपत्ति होती है।
इंडियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव कौसर हयात खान ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उन्हें ईद पर सड़क पर नमाज पढ़ने की इजाजत दी जाए