SH Health care centre रखा अस्पताल का नाम

मुरादाबाद (डेस्क)। मुरादाबाद जिले के गांव देहात के मैन चौराहों पर धड़ल्ले से अपंजीकृत अस्पताल खुल रहें हैं। जहां पर संचालक/डाक्टर सिर्फ आपको BNYS डिप्लोमा धारक ही मिलेंगे। यहां न तो प्रशिक्षित स्टाफ होगा ओर न प्रशिक्षित डाक्टर। सिर्फ रामभरोसे ही यहां मरीजों का उपचार झोलाछाप डॉक्टर ही करता है। ऐसा नहीं है कि इन अपंजीकृत अस्पतालों की स्वास्थ्य विभाग को जानकारी नहीं है लेकिन सुविधा शुल्क के वजन से दबा रहता है।
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जी हां हम आज बात कर रहें हैं गनीमत नगर के SH Health care centre की जो मंसूरी मार्केट में बाजार के सामने पीपल साना रोड़ पर खुला है। इस अपंजीकृत सेंटर के संचालक डा. शाहनवाज आलम और मौहम्मद इमरान है। जिनके पास मेडिकल की कोई डिग्री नहीं है उन्होंने सिर्फ नैचुरोपैथी का फर्जी डिप्लोमा लिया है।
जब शाहनवाज से फोन पर जानकारी की गई तो बताया गया कि अभी सीएमओ दफ्तर में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है वह अभी सीएमओ डा.कुलदीप सिंह से बातचीत करेंगे। फिलहाल वह BSC नर्सिंग की पढ़ाई कर रहें हैं। अब आप ही सोच लीजिए कि य़दि आप इस फर्जी डाक्टर और अपंजीकृत अस्पताल पर अपना या किसी परिचित का उपचार कराने जाते हैं तो क्या ये झोलाछाप डॉक्टर सहीं दवाई देकर बेहतर इलाज कर पाएगा।

अस्पताल के बाहर डेंगू बुखार, दिमागी बुखार, टाइफाइड, टीबी, दमा खांसी, शुगर ओर बच्चों का इलाज लिखा रखा है क्या ये सब कर सकते हैं क्या? ये झोलाछाप तो गैरकानूनी तरीके से मरीजों की जिंदगी से सीधा खिलवाड़ कर ही रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर भी इसमे उतने भी लिप्त है जितना झोलाछाप डाक्टर? क्योंकि जानबूझकर खुली छूट देना और सुविधा शुल्क लेकर मरीजों को मौत के मुंह में छोड़ देना, ये स्वास्थ्य विभाग की हीलाहवाली ही है।
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जिलाधिकारी और सीएमओ को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वरना आने वाले समय मे झोलाछाप डाक्टरों का मकड़जाल और BNYS का फर्जीवाड़ा चरम पर होगा। इस संबंध में जब सीएमओ डा. कुलदीप सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने दो टूक कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है मैं टीम भेजकर इस अपंजीकृत सेंटर की जांच कराकर वैधानिक कार्यवाही अवश्य करुंगा।