
रायबरेली (लखनऊ)। शहर के नेहरू नगर स्थित महावीर अस्पताल में सिजेरियन प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा की मौत के मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच के दौरान प्रथम दृष्टया इलाज में लापरवाही मिलते ही अस्पताल में सभी प्रकार की चिकित्सीय सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। जांच अधिकारी ने प्रसूता के ऑपरेशन और इलाज से संबंधित सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है। हॉस्पिटल के गेट पर सभी चिकित्सीय सेवाओं के निलंबन से संबंधित नोटिस चस्पा करा दिया गया है। रोक के बाद ही मरीजों को भर्ती किए जाने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है।
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अमेठी जिले के मिया का पुरवा निवासी रवींद्र कुमार ने बीती एक मई की रात भाभी सन्नो मौर्या को नेहरू नगर स्थित महावीर अस्पताल में भर्ती कराया था। रात में ही सिजेरियन प्रसव कराया गया। कुछ देर बाद बच्चे की मौत हो गई थी। गत शुक्रवार को प्रसूता की भी मौत हो गई। प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इलाज में लापरवाही बरतने, बार-बार बुलाने के बाद भी डॉक्टर के न आने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए गए। संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए कोतवाली में तहरीर दी है।

अमर उजाला ने शनिवार के अंक में प्रसव में लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत शीर्षक से खबर प्रकाशित की। मामले में सीएमओ के आदेश पर एसीएमओ डॉ. अरविंद कुमार, डिप्टी सीएमओ डॉ. राकेश यादव, कमलेश उपाध्याय ने महावीर अस्पताल पहुंचकर जांच की। महिला के ऑपरेशन व इलाज से संबंधित अभिलेखों की जांच में प्रथम दृष्टया लापरवाही पकड़ में आने के बाद अभिलेखों को कब्जे में लेने के बाद सभी प्रकार की चिकित्सीय सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में अस्पताल के गेट पर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया है।
जच्चा-बच्चा की मौत के बाद महावीर हॉस्पिटल की सभी प्रकार की चिकित्सीय सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। अस्पताल में नोटिस चस्पा करा दिया गया है। चिकित्सीय कार्य किए जाने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। प्रसूता के इलाज से संबंधित अभिलेखों को जब्त करके जांच कराई जा रही है। जल्द ही अन्य कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ