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मुरादाबाद (डेस्क)। अगवानपुर -पाकबड़ा बाईपास स्थित गांव मोढ़ा तेहिया में भारत पैथोलॉजी लैब अपंजीकृत रुप से खुली है जहां पर टैक्नीशियन भ्रमित और गलत रिपोर्ट बनाकर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है तो वहीं डोर टू डोर जाकर अनट्रेंड स्टाफ मरीजों का खून निकाल रहा है। स्वास्थ्य विभाग है कि चुपचाप तमाशा देख रहा है।
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स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी रात दिन छापेमारी करके सुविधा शुल्क बटोरने में मेहनत कर रहे हैं उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं है कि कौन पंजीकृत हैं और कौन नहीं है? भारत पैथोलॉजी लैब के संचालक कोई पैथोलॉजिस्ट नहीं है बल्कि झोलाछाप डॉक्टर है। जो लम्बे समय से बिना रजिस्ट्रेशन के लैब को संचालित कर रहा है।

बायोमेडिकल वेस्ट कचरा या तो कूड़े के ढेर पर फैंका जा रहा है या फिर नाले में बहाया जा रहा है कोई निस्तारण मानकों के अनुसार कर रहा है। जिस कारण बीमारियां जन्म ले रहीं हैं। असल में गांव -देहात के मरीजों को इन अपंजीकृत पैथोलॉजी लैबों की रिपोर्ट पर भरोसा होता है उसी के आधार पर वह झोलाछाप डॉक्टर से ही अपना उपचार कराते हैं। जब तबियत बिगड़ जाती है तो वह प्रशिक्षित डाक्टर के पास भागते हैं तब एहसास होता है कि हम गलत रिपोर्ट से गलत दवाई खा रहे थे।

ये बोले सीएमओ डा. कुलदीप सिंह
मेरे संज्ञान में भारत पैथोलॉजी लैब का मामला नहीं है यदि कार्यालय में लैब अपंजीकृत है तो जल्द ही अवश्य कार्यवाही की जाएगी। यदि जांच में संचालक दोषी पाया गया तो लैब को सील करने के बाद उसके खिलाफ धारा 420 , मेडिकल एक्ट में मुकदमा कराया जाएगा।