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डीएम साहब! अपंजीकृत नर्सिंग होम में केवल अवैध मेडिकल सील क्यों?

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स्वास्थ्य विभाग की पकड़ी गई चोरी, फिर भी सीनाज़ोरी

जरीस मलिक
मुरादाबाद (डेस्क)। मुरादाबाद के औषधि निरीक्षक मुकेश जैन की टीम ने जिस मेडिकल पर छापामारी की है वह अपंजीकृत निकला। मजेदार बात यह है कि जिस नर्सिंग होम में अवैध मेडिकल संचालित था वह भी बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित है। ये कारनामा स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में वर्षों से चल रहा था।

मुरादाबाद की नगर पंचायत ढकिया के गुड लाइफ नर्सिंग होम का ये मामला है। औषधि निरीक्षक मुकेश जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायत मिलने पर डिलारी ढकिया के एक मेडिकल पर छापामारी की गई तो मालूम हुआ कि उसका पंजीकरण औषधि विभाग में नहीं है। यहां से मेडिकल से भंडारित औषधियों में से 3 संदिग्ध औषधियों के नमूने जाच के लिए गए एवं लगभग एक लाख मूल्य कीमत की दवाएं जब्त की गई है।

जिनको मा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। दवाओं को जांच वास्ते भेजा जा रहा है जिनकी जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरान्त औषधि अधिनियम 1940 की सुसंगत धाराओं मे विवेचना पूर्ण कर मा. न्यायालय में दुकान संचालक के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया जायेगा। दुकान मे भंडारित दवाओं के कोई खरीद एवम विक्रय बिल भी वह मौके पर नहीं मिले। संचालक असरफ पुत्र अली हुसैन निवासी सिहाली खददर थाना डिलारी मुरादाबाद ने कोई अभिलेख मौके पर टीम को नहीं दिखाए इसलिए मेडिकल को सील बंद कर दिया गया।

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मालूम हुआ कि जिस गुड लाइफ नर्सिंग होम के बाहर संचालित मेडिकल पर छापामारी की गई है उस नर्सिंग होम का भी रजिस्ट्रेशन सीएमओ कार्यालय में नहीं है। ऐसा नहीं है कि सीएमओ डा.कुलदीप सिंह और नोडल अधिकारी एसीएमओ डा.नरेंद्र कुमार चौधरी को इसकी जानकारी नहीं थी। बल्कि इस अपंजीकृत नर्सिंग होम से वर्षों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सुविधा शुल्क लेते थे। अब सवाल ये उठता है कि औषधि विभाग की छापामारी से स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है। अब देखना ये है कि सीएमओ इस अपंजीकृत नर्सिंग होम पर कब शिकंजा कसेंगे।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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