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12 मई को एसीएमओ डा.नरेंद्र कुमार चौधरी ने की थी सनराइज हाॅस्पिटल एवं संचालक के खिलाफ कार्रवाई
सील खुलवाने ओर मुकदमा वापस लेने की मांग कर रही हैं नीमा एसोसिएशन
मुरादाबाद (डेस्क)। मंगलवार को नीमा एसोसिएशन के मेम्बर्स ने सीएमओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इज़हार किया और आरोप लगाया कि बेवजह एसीएमओ ने सनराइज हाॅस्पिटल पर छापामारी कर कार्यवाही की है जिसका कोई औचित्य नहीं है। कई घंटों तक बातचीत का ड्रामा चलता रहा लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। हारकर यूनानी डाक्टर्स कार्यालय के बाहर अखबार की रद्दी बिछाकर धरने पर बैठ गए।
यूनानी डाक्टर्स की एसोसिएशन (नीमा) के मेम्बर्स ने आज सीएमओ कार्यालय का घेराव कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और एसीएमओ द्वारा की गई कार्यवाही को वापस करने की मांग उठाई लेकिन नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. नरेंद्र कुमार चौधरी ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया तो गुस्साएं नीमा के मेम्बर्स कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे गये।
नीमा के सचिव डा.नाजिम अली ने बताया कि 12 मई को नोडल अधिकारी डा नरेंद्र कुमार चौधरी ने सनराइज हाॅस्पिटल को सील बंद कर दिया और संचालक के खिलाफ धारा 420 और मेडिकल एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया। इसी कार्यवाही को वापस लेने के लिए सीएमओ कार्यालय में आए थे लेकिन एसीएमओ अपनी ज़िद पर अड़े हैं। यदि हमारी मांग नहीं माननी गई तो आंदोलन उग्र हो जाएगा।
संचालक डा. शकील अहमद ने आरोप लगाया कि एसीएमओ रात दिन अस्पतालों में जाकर धन की उगाई करते हैं। जबरन मुझे मुकदमें में फंसाया गया है जबकि मेरा सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन है। मैं एक बीयूएमएस डाक्टर यूं कोई झोलाछाप नहीं। मैंने छह साल पढ़ाई की है तो स्वास्थ्य विभाग कैसे बिना नोटिस दिए मुकदमा लिखवाकर हाॅस्पिटल को सील बंद कर सकता है। कोविड के समय इसी सीएमओ कार्यालय से मुझे एनआईसीयू संचालित करने की अनुमति दी गई है।
डा.फहीम बेग ने स्वास्थ्य विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहां कि बीयूएमएस डाक्टर कोई झोलाछाप नहीं है सरकार ने हमें अनुमति दी है जगह-जगह शहर और देहात में अपंजीकृत अस्पताल और पैथोलॉजी लैब खुली है उनको तो एसीएमओ बंद नहीं करते, क्यों सुविधा शुल्क लेकर चलने दिये जा रहे हैं। सनराइज हाॅस्पिटल का सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन है वो बात अलग है कि निरीक्षण के दौरान पंजीयन डाक्टर नहीं मिला लेकिन यूनानी डाक्टर तो मौजूद था।

डा.नाजिम अली ने कहा कि नोडल अधिकारी नरेंद्र कुमार की कार्यवाही का कोई औचित्य नहीं बनता। सुविधा शुल्क जो सीएमओ कार्यालय के अफसरों को देगा क्या वहीं अपना अस्पताल चलाएगा अन्यथा नहीं? जिले में करीब 400 अस्पताल का सीएमओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन है बाकी लगभग दस हजार अपंजीकृत अस्पताल पैथोलॉजी लैब संचालित है उन पर कार्यवाही नहीं बल्कि छोटे साहब निरीक्षण के दौरान मौके पर मामला रफा-दफा कर लेते हैं।
एसीएमओ डा.नरेंद्र कुमार चौधरी ने मीडिया को बताया कि सनराइज हाॅस्पिटल का रजिस्ट्रेशन सीएमओ कार्यालय में जरूर है लेकिन 2023 के बाद से नवीनीकरण नहीं कराया गया है। 9 बैड का रजिस्ट्रेशन जिस चिकित्सक के नाम से कराया गया था वह मौजूद नहीं मिला। चैंकिंग के दौरान 22 बैड मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान पैथोलॉजी लैब संचालित थी जिसका रजिस्ट्रेशन नहीं है एन एनआईसीयू संचालित मिला लेकिन कोई पीडियाट्रिक चिकित्सक मौजूद नहीं था। उच्च अधिकारियों के आदेश पर मेरे द्वारा कार्यवाही कराई गई है। कार्यालय में आकर यूनानी डाक्टर्स बिना मतलब दवाब बना रहें हैं।