अपंजीकृत मुम्ताज हेल्थ केयर को पहले किया सील फिर 20 मिनट के बाद खोल दिया ताला
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मुरादाबाद (डेस्क)। सीएमओ डा.कुलदीप सिंह ने जिस रफ्तार से पद भार संभालते ही अपंजीकृत अस्पताल, पैथोलॉजी लैब और क्लीनिकों पर अपना शिकंजा कसने का कार्य किया था ओर एक आईएएस अधिकारी की तर्ज पर अपनी जिम्मेदारी निभाई थी उसको अब रेत के ढेर की तरह मिटाने का प्रयास एसीएमओ द्वारा किया जा रहा है। इसका अपंजीकृत अस्पताल, पैथोलॉजी लैब, और क्लीनिकों पर कार्यवाही की आड़ में सुविधा शुल्क लेकर चुपचाप छोड़ देना है। जिले भर में ऐसे सैंकड़ों उदाहरण देखने को मिल जाएंगे।
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लेकिन आज हम सिर्फ मुम्ताज हेल्थ केयर का जिक्र खबर में कर रहें है जो उमरी कलां नगर पंचायत के मौहल्ला नसीराबाद में संचालित है। इस अपंजीकृत सेंटर के संचालक डा.शुजाउदुदीन है। इनके पास मेडिकल की कोई मान्य डिग्री नहीं है जिसके आधार पर वह इस सेंटर को चला सकें। लेकिन फिर भी वर्षों से स्वास्थ्य विभाग की आंखों में सुविधा शुल्क की धूल झौंक रहे हैं।
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जी हां! ये वहीं मुम्ताज हेल्थ केयर सेंटर है जिस पर तीन दिन पूर्व नोडल अधिकारी एसीएमओ डा.नरेंद्र सिंह ने छापामारी की थी। कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण इसको छोटे साहब ने सील बंद भी कर दिया था लेकिन मात्र 20 मिनट में ही साहब ने सुविधा शुल्क लेकर ताला खोल दिया और कहा कि ध्यान रखो वरना फिर आ जाऊंगा। साहब की इस डरावनी कार्यवाही का क्षेत्र के अन्य झोलाछाप डॉक्टरों ने माखौल उड़ाते हुए कहा कि अब घूस ही रजिस्ट्रेशन है और ताला लगाने और तोड़ने का मात्र एक विकल्प है।

इस कार्यवाही को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता कि सीएमओ डा.कुलदीप सिहं की कार्यशैली पर सुविधा शुल्क का ब्रेक लग गया है। अब इसी तरह लाॅक-अनलाॅक का अब खेल रात दिन चल रहा है। मुम्ताज हेल्थ केयर सेंटर अकेला ऐसा उदाहरण नहीं है पाकबड़ा डिगंरपुर रोड़ पर स्थित गांव बेकैनिया स्थित हिंद हाॅस्पिटल भी है। जिसको साहब ने एक महीने पूर्व रात में सील कर दिया और सुबह होते ही सुविधा शुल्क के बजन से सील तोड़ दी गई। सीएमओ साहब को संज्ञान लेना चाहिए।

ये बोले एसीएमओ डा.नरेंद्र कुमार चौधरी
मैंने सील बंद की कार्यवाही मुम्ताज हेल्थ केयर पर की थी लेकिन खोला नहीं है। कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं है और न कोई एनओसी है। मैं पुनः चैंकिंग करुंगा यदि ताला तोड़ा गया है तो अवश्य संबंधित थाने में संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।