रहमत क्लीनिक के संचालक के खिलाफ मझोला थाने में मुकदमा दर्ज
सीएमओ कार्यालय में नहीं था रजिस्ट्रेशन
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मुरादाबाद (डेस्क)। अपंजीकृत अस्पताल-क्लीनिक संचालकों की दबंगई मुरादाबाद जिले में साफ दिखाई दे रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगाए गए तालों को बेधड़क बिना रजिस्ट्रेशन के ही तोड़ा जा रहा है। ऐसा मामला कल करुला के पीर का बाजार स्थित ऊंचा टीला के रहमत क्लीनिक पर दिखाई दिया।
जहां टीम के जाते ही लगाए गए तालों को तोड़ा गया। जब इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के मुखिया डा.कुलदीप सिंह को चली तो संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए संबंधित थाने में तहरीर दी गई। इस कार्यवाही से अन्य झोलाछाप डॉक्टरों में भी भय व्याप्त होता दिखाई दे रहा है।
सीएमओ डा.कुलदीप चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस पर रहमत क्लीनिक के खिलाफ शिकायत आई थी जिसको लेकर नोडल अधिकारी डा.नरेंद्र चौधरी पुलिस की मौजूदगी में निरीक्षण करने शुक्रवार की शाम को पहुंचे थे। संचालक परवेज द्वारा कोई ठोस अभिलेख नहीं दिखाए जाने पर सीलबंद की कार्यवाही की गई थी।
इस दौरान क्लीनिक पर मौजूद एक महिला स्टाफ ने टीम के साथ अभद्रता करने की कोशिश की। कवरेज कर रहे पत्रकारों के साथ भी गलत भाषा का प्रयोग किया। जानकारी मिली कि टीम के निकलते ही संचालक ने दबंगई के बल पर तालों को तोड़कर मरीजों को पुनः भर्ती करना शुरू कर दिया है। जिसको गंभीरता से लेते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के लिए तहरीर विभाग द्वारा दी गई है।
सीएमओ कार्यालय में नहीं निकला रजिस्ट्रेशन
रहमत क्लीनिक जिसका रजिस्ट्रेशन सीएमओ कार्यालय में नहीं है उसको क्लीनिक का नाम देकर अस्पताल के रुप में तीन मंजिला मकान में संचालक चला रहा था। इस अपंजीकृत अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टर बच्चों का उपचार बड़े पैमाने पर करता है। डाक्टर के पास बच्चों से संबंधित इलाज करने के लिए कोई मेडिकल डिग्री नहीं है। नैचुरोपैथी और इलेक्ट्रोपैथी की आड़ में बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा था। इस अपंजीकृत अस्पताल यानी रहमत क्लीनिक में दर्जनों बेड पड़े दिखाई दिये गए जिन पर मरीज भर्ती थे।

ये बोले सीएमओ डा.कुलदीप चौधरी
अपंजीकृत अस्पताल या क्लीनिक को किसी हाल में खुलने नहीं दिया जाएगा। दबंगई बर्दास्त नहीं की जाएगी। विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टर और अपंजीकृत अस्पताल पैथोलॉजी लैब और क्लीनिकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।