एक केस के तारीख में खुद कर दिया था फेरबदल, कोर्ट में की गई शिकायत
मुरादाबाद। हाईकोर्ट ने मुरादाबाद के दो वकीलों की प्रैक्टिस पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया गया है। आरोप है कि अदालत को गुमराह करने के लिए दोनों ने एक केस की तारीख बदल दी थी। जांच में मामला सही पाए जाने पर बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने कड़ा कदम उठाया है
पति-पत्नी के बीच विवाद का एक मामला परिवाद न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया था। जिसमें 20 दिसंबर 2022 की तारीख लगी थी। इस तारीख पर अदालत ने महिला को पैरवी करने के निर्देश जारी करते हुए पांच जनवरी 2023 की तारीख लगा दी थी।
महिला का आरोप है कि तारीख से पहले जब पैरवी दाखिल करने के लिए अदालत में गई तो पता चला कि फाइल में तारीख बदल दी गई है, जबकि दोनों ही पेन की इंक में अंतर स्पष्ट था। इस बात की शिकायत अदालत में भी की गई।
जिसमें महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति के दो वकील भी 22 दिसंबर को अदालत में मौजूद थे। जिन्होंने अपने पक्ष को फायदा पहुंचाने के लिए अदालत को धोखा देते हुए तारीख में फेरबदल किया है।
बार काउंसिल उत्तर प्रदेश की अनुशासनात्मक समिति द्वारा दोनों पक्षों को इलाहबाद (प्रयागराज) बुलाया गया। दोनों वकीलों ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई गई है। उन्होंने महिला के वकील को रोका था क्योंकि उनका वकालतनामा फाइल में नहीं था।
इस बात को लेकर महिला के वकील ने झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी। समिति द्वारा दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्यों को देखते हुए दोनों अधिवक्ताओं को आरोपी मानते हुए उन्हें दस साल के लिए देश की किसी भी अदालत में वकालत करने से प्रतिबंधित कर दिया।
