मुरादाबाद के स्वास्थ्य विभाग में लॉक अनलॉक का खेल
अपंजीकृत अस्पताल, लैब और क्लीनिकों का मकड़जाल फैला रहा सुविधा शुल्क

मुरादाबाद। नगर पंचायत महमूदपुर माफी के नगलिया अड्डे पर स्थित ख्वाजा पैथोलॉजी लैब को अपंजीकृत होने पर सोमवार(कल) सील किया गया था जिसको 12 घंटे के बाद ही संचालक ने सील तोड़कर पुनः लैब अपंजीकृत रुप से संचालित कर ली है। संचालक की इस दबंगई को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएमओ कार्यालय में सांठगांठ का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है।

डिप्टी सीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी और एक होमगार्ड ने नगर पंचायत महमूदपुर माफी के क्षेत्र नगलिया अड्डे पर ख्बाजा पैथोलॉजी लैब पर छापेमारी की थी। संचालक कागज मांगने पर नहीं दिखा सका। जांच में मालूम हुआ कि कार्यालय में लैब का पंजीकरण नहीं है।
एसीएमओ ने तत्काल प्रभाव से लैब को ताला लगाकर सील कर दिया। सुबह होते ही इसी अपंजीकृत लैब को सीएमओ कार्यालय से हरी झंडी मिल गई और ताला तोड़कर संचालक ने पुनः रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी। यहीं से आप अंदाजा लगा लीजिए स्वास्थ्य विभाग के इस बड़े खेल का। जब अपंजीकृत लैब को 12घंटे बाद खोलना ही था तो सील क्यों की? क्या सुविधा शुल्क लेकर लैब पंजीकृत हो गई?

पहले भी इसी लैब पर झोलाछाप खून के सैम्पल लेकर रिपोर्ट बनाता था और आज भी बना रहा है। बायोमेडिकल वेस्ट के कचरें का निस्तारण मानकों के विपरीत कूड़े के ढेर और नालियों में फैंका जाता है।
ये बोला लैब संचालक
ख्बाजा पैथोलॉजी लैब की सील तोड़े जाने पर जब संचालक से पूछा गया तो उसने बताया कि डिप्टी सीएमओ डा.नरेंद्र चौधरी से समझौता हो गया है उन्होंने ही मौखिक रुप से खोलने की अनुमति दी है। पंजीकरण नहीं है तो क्या हुआ रिश्वतखोरी तो बड़े पैमाने पर चल रही है रोज बंद होते है अस्पताल और लैब और सुबह खुल जाते है इसी से अंदाजा लगा लीजिए कि कौन सही है और कौन गलत?
ये बोले डिप्टी सीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी
मैनें ने पंजीकरण न होने पर लैब को ताला लगाकर सील लगाई थी अब उसने तोड़ ली तो अगली कार्यवाही पुलिस द्वारा कराई जाएगी। संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
