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MORADABAD NEWS: अब डीएनए टेस्ट से खुलेगी डा. शाहनवाज की कुंडली

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ठाकुरद्वारा के एबीएम हॉस्पिटल में नर्स से दुष्कर्म का मामला

मुरादाबाद। ठाकुरद्वारा ब्लाक के एबीएम अस्पताल के स्टाफ से पूछताछ शुरू हो गई है। पंजीकृत एमबीबीएस डॉ. हिमांशु चौधरी और सर्जन डॉ. सरताज आलम के अलावा कौन-कौन डॉक्टर वहां आते थे, यह जानने के लिए विभाग प्रयास कर रहा है। ठाकुरद्वारा के डॉक्टरों को भी इस काम में लगाया गया है। स्थानीय स्तर पर ठाकुरद्वारा सीएचसी के प्रभारी डॉ. राजपाल नजर रख रहे हैं। अब तक विभाग को पता चला है कि दो डॉक्टरों के दस्तावेज पर कई और अस्पताल में मरीजों का इलाज करने आते थे। शाहनवाज खुद को व अपनी पत्नी को बीयूएमएस डॉक्टर बताता था। उसकी पत्नी अस्पताल में डिलीवरी के मामले देखती थी। जबकि शाहनवाज खुद भी ओपीडी करता था।

विभाग को शक है कि जिन फाइलों पर सर्जन के हस्ताक्षर नहीं मिले हैं, वह ऑपरेशन कहीं किसी झोलाछाप ने या शाहनवाज ने खुद तो नहीं किए। सर्जन ने अपने बयान में बताया था कि वह ऑन कॉल डॉक्टर के रूप में ठाकुरद्वारा जाते थे। 
ऐसे में बाकी के ऑपरेशन कौन करता था। इस बात की पुष्टि विभाग अब तक नहीं कर पाया है। अस्पताल में काम करने वाले अन्य नर्सिंग स्टाफ व कर्मचारियों से जानकारी ली जा रही है। सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि जांच पड़ताल लगातार चल रही है। कुछ और चीजें सामने आने की संभावना है।

शासन से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सक्रिय
निजी अस्पताल में आशा वर्कर के काम करने और दो डॉक्टरों के दस्तावेजों पर कई से काम कराने वाले डॉ. शाहनवाज के खिलाफ पहले विभाग ने भले ही कार्रवाई न की हो। अब शासन से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद विभाग सक्रिय हो गया है। ठाकुरद्वारा सीएचसी पर तैनात डॉक्टरों से जानकारी मांगी जा रही है। अस्पताल को सील करने गई टीम ने लिखित रिपोर्ट भी सीएमओ को सौंप दी है। अस्पताल में कितने स्टाफ थे, क्या क्या सुविधाएं चल रही थीं। ऑपरेशन के अलावा पैथोलॉजी, फार्मेसी, बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण, फायर व इलेक्ट्रिक सेफ्टी की एनओसी के मामले में विभाग ने पहले ध्यान नहीं दिया।

दुष्कर्म के आरोपी के पिता के तीनों मदरसे और मकान सील
ठाकुरद्वारा के एबीएम अस्पताल में नर्स से दुष्कर्म के आरोपी डॉक्टर शाहनवाज के पिता के तीनों मदरसों और मकान को शुक्रवार को प्रशासन ने सील कर दिया। डीएम अनुज सिंह ने बताया कि मकान सरकारी जमीन पर बना है और तीनों मदरसों का एक ही भवन में संचालन हो रहा था। इसके अलावा मदरसों के संचालन में अन्य अनियमितताएं भी मिली हैं। एक मदरसा भी सरकारी जमीन पर होने की बात सामने आई है। ग्रामीणों में चर्चा है कि प्रशासन जल्द ही मकान और मदरसों पर बुलडोजर चला सकता है।

दुष्कर्म के आरोपी डॉक्टर के पिता हकीम सगीर अहमद सकलैनी के मदरसों की जांच करने के लिए शुक्रवार को एसडीएम मनी अरोड़ा के नेतृत्व में सीओ, तहसीलदार व जिला अल्पसंख्यक अधिकारी जटपुरा पहुंचे। मदरसे पर ताला लटका हुआ था। प्रशासनिक अधिकारी ताले को तोड़कर अंदर घुस गए। अधिकारियों को कमरों में छात्राओं के कपड़े, बिस्तर व पुस्तकें रखी मिलीं। वहीं अलमारी के अंदर बैंक ऑफ बड़ौदा की पासबुक मिली। जांच के दौरान पूरे मदरसे की वीडियोग्राफी कराई गई। इसके बाद टीम ने एक ही भवन में संचालित तीनों मदरसों को सील कर दिया। अल्पसंख्यक अधिकारी ने बताया कि अनियमितताओं के चलते मदरसों को सील किया गया है।

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घर पर नहीं मिले आरोपी डॉक्टर के परिजन
मदरसों को सील करने के बाद टीम राजपुर केसरिया गांव में आरोपी डॉक्टर के घर पहुंची। वहां भी गेट पर ताला लगा हुआ मिला। आरोपी डॉक्टर के परिजन घर पर नहीं थे। टीम ने हथौड़े से ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया। बृहस्पतिवार को राजस्व टीम की जांच में आरोपी डॉक्टर का मकान खाद के गड्ढों के लिए आरक्षित सरकारी जमीन पर बना होने की पुष्टि हुई थी। मकान का निरीक्षण करने के बाद टीम ने उसे भी सील कर दिया। कार्रवाई के दौरान दोनों ही गांवों में लोगों की भीड़ जुटी रही।

आरोपी डॉक्टर का डीएनए टेस्ट कराएगी पुलिस
ठाकुरद्वारा में नर्स को बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के आरोपी डॉक्टर शाहनवाज को कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य जुटा रही है। इसके लिए पुलिस आरोपी डॉक्टर का डीएनए टेस्ट भी कराएगी। दुष्कर्म पीड़िता की स्लाइड रिपोर्ट आने के बाद पुलिस डीएनए टेस्ट कराने के लिए कोर्ट से अनुमति लेगी। इसके अलावा पीड़िता और आरोपी के कपड़ों से मिले स्पर्म की जांच भी कराई जा रही है।

ठाकुरद्वारा स्थित एबीएम अस्पताल में 17 अगस्त की रात डॉ. शाहनवाज ने नर्स के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस आरोपी डॉक्टर शाहनवाज और उसकी सहयोगी नर्स मेहनाज और वार्ड बॉय जुनैद को जेल भेज चुकी है। यह मामला नए कानूनों के तहत दर्ज हुआ है। इस मामले में कार्रवाई भी भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत की जा रही है।पुलिस टीमें डिजिटल और फोरेंसिक साक्ष्य जुटा रही है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, मोबाइल की सीडीआर समेत अन्य साक्ष्य भी चार्जशीट में शामिल किए जा रहे हैं। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया है। इस दौरान स्लाइड भी तैयार की गई है, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। इसके अलावा फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण भी नमूने जुटाए।

Jarees malik

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