मखदूमी अस्पताल को सील करता है स्वास्थ्य विभाग, अगले दिन टूट जाते हैं तालें
पांच दिन पहले अस्पताल संचालक राहिल से सुविधा शुल्क लेकर अपना आर्शीवाद देकर गये थे एसीएमओ नरेंद्र चौधरी
मुरादाबाद। पाकबड़ा के जिस अपंजीकृत अस्पताल को डिप्टी सीएमओ ने कल लाॅक किया है उसी अस्पताल को 5 दिन पहले डिप्टी सीएमओ अपना आर्शीवाद देकर आए थे। हालांकि ये अपंजीकृत अस्पताल पिछले दो वर्षों में 2 बार सील हो चुका है। संचालक बार-बार स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को खरीदकर तालें तोड़ देता है। थाना पाकबड़ा में भी मुकदमा दर्ज है लेकिन आज तक पुलिस ने धारा 420 में संचालक की गिरफ्तारी नहीं की है। यानि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और संबंधित थाना पुलिस का संचालक को आर्शीवाद प्राप्त है।

भलें ही पाकबड़ा के मखदूमी अस्पताल को कमिश्नर के आदेश पर इस बार लाॅक कर दिया गया हो, डिप्टी सीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी थाने में एक ओर मुकदमा संचालक के खिलाफ दर्ज करवा दें फिर भी बिना रजिस्ट्रेशन के इस बूचड़खाने को घूस लेकर खोलने का इशारा स्वास्थ्य विभाग अवश्य देंगा। क्योंकि सीएमओ कार्यालय में ऐसें हजारों अपंजीकृत अस्पतालों से मोटी रकम प्रतिदिन डिप्टी सीएमओ के द्वारा उगाई जाती है।

मरीज मर रहा है लूट रहा है इस बात से महकमें को कोई सरोकार नहीं है। भ्रष्टाचार की जड़ें सीएमओ कार्यालय में इतनी मजबूत फैली है जिनको उखाड़ना असंभव है। यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संज्ञान लें ले तो ओर बात है वरना ये खेल यूंही वर्षों से चलता आ रहा है और चलता रहेगा।
बताते चलें कि मंगलवार रात डिलीवरी के कुछ देर बाद अमरोहा निवासी सकीना (24) की मौत हो गई। नवजात की हालत भी गंभीर है। महिला की मौत से नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया।

अमरोहा के थाना डिडौली के गांव पतई खालसा निवासी आदिल लकड़ी का काम करते हैं। उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी सकीना को मंगलवार सुबह दस बजे पाकबड़ा के ख्वाजा कॉलोनी स्थित मखदूमी अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला का मायका कांठ में है। रात 11 बजे सकीना की नॉर्मल डिलीवरी हुई। कुछ देर बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। नाराज परिजनों ने महिला का शव अस्पताल के बाहर रखकर हंगामा कर दिया। मौका देखकर झोलाछाप राहिल खान और स्टॉफ मौके से भाग निकला

मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग तक पहुंची तो पता चला कि अस्पताल बिना पंजीकरण व बिना विशेषज्ञ डॉक्टरों के चलाया जा रहा है। घटना व हंगामे की जानकारी पर सिटी मजिस्ट्रेट किंशुक श्रीवास्तव व सीओ हाईवे कुलदीप गुप्ता मौके पर पहुंचे। साथ ही डिप्टी सीएमओ डॉ. नरेंद्र चौधरी को बुलाया गया। अधिकारियों की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील किया। महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
अस्पताल में भर्ती मिले आठ मरीज, सभी के हुए हैं आप्रेशन

प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम को अस्पताल में कुल आठ मरीज भर्ती मिले। तीन मरीजों का ऑपरेशन किया गया था। बाकी मरीजों का ऑपरेशन होना था। सभी मरीजों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में फायर एनओसी, बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था व किसी डॉक्टर या स्टाफ के न पाए जाने पर परिसर सील कर दिया गया। अस्पताल में मिले दस्तावेज व ऑपरेशन की फाइलें स्वास्थ्य विभाग ने जब्त कर लीं।

ये बोले डिप्टी सीएमओ नरेंद्र चौधरी
मखदूमी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत की शिकायत मिली थी। यहां आकर जांच की गई तो कोई डॉक्टर व स्टाफ मौके पर नहीं मिला। अस्पताल का पंजीकरण सीएमओ कार्यालय में नहीं है। इसे सील कर दिया गया है। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। पांच दिन पहले भी मेरे द्वारा मुआयना किया गया था लेकिन कोई नहीं मिला था।

ये बोले सीएमओ डा. कुलदीप चौधरी
अब बिना रजिस्ट्रेशन के नहीं खुलेगा पाकबड़ा का मखदूमी अस्पताल। थाने में भी पंजीकृत कराया जाएगा फिर से मुकदमा। संचालक को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी पुलिस की है स्वास्थ्य विभाग की नहीं। बार बार तालें और सील टूटने का मामला संज्ञान में नहीं है। बड़ी कार्यवाही इस बार की गई है। दूसरा अस्पताल भी संचालक राहिल का सील जल्द किया जाएगा। मैट्रों अस्पताल का भी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन नहीं है।