टैक्नीशियन कर रहा आप्रेशन और आयुर्वेदिक डाक्टर ऐलोपैथिक पद्धति में कर रहा मरीजों का उपचार

मुरादाबाद। जिलाधिकारी के निर्देश को भी डिप्टी सीएमओ ठेंगा दिखा रहें हैं। मनमर्जी के मुताबिक दिखावटी कार्यवाही की जा रहीं हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है। जो छोटे साहब की मनमर्जी को दर्शाता है।
मूंढापांडे ब्लाॅक के दलपतपुर करनपुर रोड़ पर वीरपुर गांव में एम एच हाॅस्पिटल संचालित है। जिसका रजिस्ट्रेशन सीएमओ दफ्तर में नहीं है। लेकिन यहां विभिन्न बीमारियों के आप्रेशन, नार्मल डिलीवरी, भ्रूण हत्याएं बड़े स्तर पर होती है। इस अपंजीकृत अस्पताल का संचालक एक आयुर्वेदिक डाक्टर है। जिसका नाम अय्यूब बताया जाता है।

कल जिलाधिकारी अनुज सिंह के निर्देश पर डिप्टी सीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी यहां छापेमारी के लिए पहुंचे थे। लेकिन लाॅक किये बिना ही लौट आए। जबकि अस्पताल भी खुला था और उपरी मंजिल पर मरीज भी भर्ती थे। सूत्रों ने बताया कि छोटे साहब पहले भी इस अपंजीकृत अस्पताल पर जा चुके हैं और क्लीनचिट देकर चलाते रहो का मौखिक आदेश देकर आए थे।
इस अपंजीकृत अस्पताल में न तो कोई पैरामेडिकल स्टाफ है और ऐलोपैथिक पद्धति में पंजीकृत चिकित्सक है। फिर भी टैक्नीशियन और झोलाछाप महिला आकर सिजेरियन, नार्मल डिलीवरी और भ्रूण हत्याएं खुलेआम करते हैं। ऐसा सूत्रों से ज्ञात हुआ है। संचालक डा. अय्यूब खुद को आयुर्वेदिक डाक्टर बताते हैं लेकिन मरीजों का उपचार ऐलोपैथिक पद्धति में ही करतें हैं।
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बायोमेडिकल वेस्ट का कचरा निस्तारण करने के लिए कोई अस्पताल संचालक की ओर से ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि दिखावटी तौर पर निचली मंजिल पर सिर्फ खाली बेड डाल रखे हैं और उपरी मंजिल पर मरीज भर्ती हैं।
ये बोले डिप्टी सीएमओ डा. नरेंद्र चौधरी
मेरे जाने से ही पहले अस्पताल पूरी तरह से खाली था सिर्फ बेड पड़े थे। एक चपरासी मौजूद था और कोई स्टाफ या संचालक नहीं दिखाई दिया। इसी वजह से अपंजीकृत अस्पताल को सील नहीं कर सका। फिर कभी छापेमारी के दौरान अवश्य कार्यवाही की जाएगी।
ये बोले संचालक डा. अय्यूब
संचालक से जब उनका पक्ष जानना चाहा तो बताया गया कि अस्पताल के संबंध में जो भी जानकारी लेनी है आप डिप्टी सीएमओ से लें सकते हैं। ये उन्हीं का अस्पताल है। कार्यवाही क्यों नहीं करी इसका सही जबाब वहीं देंगे।