गन्ना भुगतान में देरी के खिलाफ किसानों का उग्र विरोध।
शामली: बकाया गन्ना भुगतान नहीं देने के विरोध में किसानों ने शामली कलक्ट्रेट में धरना देने का प्रयास किया। कलक्ट्रेट में पुलिस ने किसानों को नहीं घुसने दिया और गेट का ताला बंद कर दिया। जिसके विरोध में गुस्साए किसानों ने खूब हंगामा किया और कलक्ट्रेट चौराहे के सामने शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर हाईवे पर जाम लगा दिया।

करीब तीन घंटे से अधिक समय तक पानीपत -खटीमा, दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर जाम लगाए रखा। किसान कलक्ट्रेट के गेट पर भी चढ़ गए। अधिकारियों, मिल प्रशासन के खिलाफ खूब नारेबाजी की। किसानों ने बेरिकेडिंग भी हटाने का प्रयास किया। पुलिस से किसानों की खूब नोकझोंक हुई। दरअसल, शामली मिल पर वर्ष 2022-23 का किसानों का करीब 188 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है। जिसके विरोध में किसान शामली शुगर मिल में पिछले 11 दिन से धरना दे रहे हैं। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, गुस्साए किसान सोमवार को करीब 3 बजे शामली शुगर मिल से ट्रैक्टर मार्च निकालते हुए कलक्ट्रेट में धरना देने के लिए पहुंचे।
किसानों ने ट्रैक्टर आदि को कलक्ट्रेट के अंदर घुसाने का प्रयास किया। आरोप है कि पुलिस ने किसानों को अंदर जाने से रोक दिया। कहा कि पांच किसान ही अंदर जाकर अधिकारियों से वार्ता कर सकते हैं। गुस्साए किसानों और शामली कोतवाल, आदर्श मंडी थाना प्रभाारी की खूब नोकझोंक हुई। किसानों ने कहा कि अब वह तहसील के अंदर भी धरना देंगे। इसके बाद किसान कलक्ट्रेट के सामने ही चौराहे पर धरना देकर बैठ गए। किसानों ने मिल प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ खूब नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि उन्हें मिल प्रशासन और प्रशानिक अधिकारी बकाया भुगतान दिलाने का आश्वासन तो दे रहे हैं मगर उन्हें रुपये नहीं दिए जा रहे, जिसके कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों से वार्ता करने के लिए तीन बार एसडीएम हामिद हुसैन भी पहुंचे मगर किसानों ने कलक्ट्रेट के अंदर धरना और बकाया भुगतान की मांग की। किसानों ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वह अनिश्चितकाल के लिए भी हाईवे को जाम करने को बाध्य होंगे। मौके पर किसान नेता संजीव शास्त्री, प्रभात मलिक, वीरेंद्र मलिक, जयवीर मलिक, बाबा राजेंद्र मलिक, सतबीर सिंह, मुकेश, सनी, विनोद मलिक, प्रमोद कुमार, राजेश, मनीष कुमार, रितिक आदि शामिल रहे।
चाहे मुकदमा दर्ज हो जाए, मगर बकाया भुगतान लेकर रहेंगे
किसान संजीव शास्त्री, राजेंद्र मलिक, प्रभात आदि ने कहा कि मिल प्रशासन किसानों की सुनवाई नहीं कर रहा। किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि चाहे मुकदमा दर्ज ही क्यों न हो जाए, मगर हम बकाया भुगतान हर हाल में लेकर रहेंगे।
तीनों मिलो का बकाया मांग कर रहे किसान
शामली चीनी मिल पर किसानों का 188 करोड़, ऊन चीनी मिल पर 46 करोड़ और थानाभवन चीनी मिल पर 86 करोड़ रुपये पिछले सत्र का बकाया चल रहा है। बार-बार मांग के बावजूद किसानों को भुगतान नहीं किया जा रहा, जिसके कारण वे आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं।

इन्होंने कहा….
किसानों को कमेटी बनाने के लिए कहा जा रहा है। मगर वह नहीं बना रहे। कमेटी बनाने पर किसानों की मिल प्रशासन से वार्ता कराई जाएगी। इसके बाद उनका बकाया भुगतान दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
- संतोष कुमार, एडीएम शामली