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डीएम साहब ! किसकी अनुमति पर बिना रजिस्ट्रेशन के फिर खुला बजरुद्दीन मैमोरियल हाॅस्पिटल

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जीवन पैथोलॉजी लैब को किसने दिया संरक्षण

जरीस मलिक
मुरादाबाद। मुख्यमंत्री के आदेश पर बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हाॅस्पिटल, क्लीनिकों पर स्वास्थ्य विभाग लगातार छापेमारी भले ही कर रहा हो लेकिन सील हुए अस्पताल-क्लीनिक पुराने ढर्रे पर सील तोड़कर फिर खुल भी रहें हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है।


मुरादाबाद संभल मार्ग स्थित नगलिया मशकूला में रोड़ के किनारे बजरुद्दीन मैमोरियल हाॅस्पिटल बिना रजिस्ट्रेशन के आज भी संचालित है जिसको 20 जुलाई 24 को स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी ने सील कर संचालक माजिद अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।


करीब दो महीने बंद रहने के बाद बिना रजिस्ट्रेशन के ही माजिद अली ने सांठगांठ करके हाॅस्पिटल के ताले तोड़ दिये। फिर से मरीजों की जिंदगी झोलाछाप डॉक्टर के हवाले करके सेहत महकमा ख़ामोश है। इस संबंध में जब संचालक से पक्ष जाना तो बताया कि विभागीय अधिकारी के इशारे पर ही इस अपंजीकृत अस्पताल की सील तोड़ी गई है। संचालक का ये भी कहना है कि वह यूनानी डाक्टर है और अब वह बिना रजिस्ट्रेशन के ही बजरुद्दीन मैमोरियल हाॅस्पिटल को चलाएगा।

वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि इस हाॅस्पिटल को सील लगने के समय भीतर जीवन पैथोलॉजी लैब भी पकड़ी गई थी जिसका रजिस्ट्रेशन सीएमओ दफ्तर में नहीं था। इसको भी नोडल अधिकारी ने सील किया था। मजेदार बात यह है कि लैब भी ठीक हाॅस्पिटल के सामने बनी मार्केट में बिना रजिस्ट्रेशन के फिर से संचालित हो रही है।


ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आदेश कोई मायने नहीं रखता। सवाल ये है कि जब बिना रजिस्ट्रेशन के ही बजरुद्दीन मैमोरियल हाॅस्पिटल और जीवन पैथोलॉजी लैब जैसी लैबों और अस्पतालों को संचालित ही कराना है।

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तो फिर इस दिखावटी कार्यवाही का क्या मतलब? क्या वसूली करने के लिए ये ड्रामा चल रहा है? या मुख्यमंत्री के आदेश को ठेंगा स्वास्थ्य विभाग दिखाने की कोशिश कर रहा है? ऐसे कई सवाल हैं जो स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अफसरों पर उंगली उठा रहें हैं। जिलाधिकारी अनुज सिंह को इस दिखावटी कार्यवाही पर भी शिकंजा कसने की जरूरत है।

ये बोले सीएमओ डा.कुलदीप चौधरी

बिना रजिस्ट्रेशन के किसी अस्पताल या पैथोलॉजी लैब को संचालित नहीं होने दिया जाएगा। यदि सील और मुकदमा दर्ज होने के बाद कोई अस्पताल या लैब सील तोड़ कर पुन: संचालित हुई है तो उसकी जांच कराकर फिर कार्यवाही की जाएगी।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

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