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बहराइच हिंसा: एसओ की चेतावनी को नज़रअंदाज़ करना पड़ा भारी, टल सकता था बवाल

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दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा रोकने में नाकाम, पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज

हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज कस्बे में बीते 13 अक्तूबर को प्रतिमा विसर्जन जुलूस में भारी संख्या में लोगों के शामिल होने व इस दौरान माहौल खराब होने की आशंका पहले ही जताई गई थी। तत्कालीन हरदी एसओ रहे सुरेश कुमार वर्मा ने अपने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर क्षेत्र में विसर्जन को सही तरीके से निपटाने के लिए डेढ़ सेक्शन पीएसी व पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात करने की मांग की थी। लेकिन पुलिस अफसरों ने एसओ के पत्र पर गौर नहीं किया और महराजगंज विसर्जन जुलूस में पुलिस सुरक्षा की सही से तैनाती नहीं की। 

इसी का नतीजा रहा कि यहां हिंसा हुई और रामगोपाल मिश्रा नाम के युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस घटना के बाद से अभी तक पूरे जिले में माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण करने के लिए पुलिस व प्रशासन की कसरत जारी है। यदि एसओ के पत्र पर ध्यान दिया जाता और भारी पुलिस बल वहां तैनात होता तो यह हिंसा न होती। एसओ की ओर से अफसरों को पुलिस की मांग के लिए भेजा गया पत्र भी अमर उजाला के पास है। 

पुलिसिंग में फेल रहे एएसपी
23 फरवरी 2023 को जिले में बतौर एएसपी ग्रामीण का कार्यभार संभालने वाले पीपीएस अधिकारी पवित्र मोहन त्रिपाठी पुलिसिंग में यहां बहुत सफल नहीं रहे। उनके क्षेत्र में कई बड़ी वारदातें हुई। हत्या, चोरी, लूट जैसे मामले हुए। नानपारा कस्बे में भी दो समुदाय के बीच हिंसा भड़की और फिर महसी हिंसा में लापरवाही पर उनको अपनी कुर्सी ही गंवानी पड़ी है। एएसपी का मीडिया से लेकन आम जनता में भी व्यवहार ठीक नहीं रहा। इसी का नतीजा रहा कि ग्रामीण इलाके में अपराध व अपराधी बेलगाम रहे।

एएसपी, सीओ, तहसीलदार के बाद अब किसका नंबर
इस मामले में सीओ महसी निलंबित हो चुके है। वहीं चौकी प्रभारी व एसओ भी निलंबित किए जा चुके है। तहसीलदार को भी हटाया जा चुका है। एएसपी भी हटाए गए है। लेकिन अभी भी हिंसा रोकने में नाकामी के साए में कई अफसर शामिल है। ऐसे में शासन स्तर पर इन अफसरों पर भी आने वाले समय में कड़ी कार्रवाई होने की उम्मीद जताई जा रही है।

महराजगंज कस्बे में संगीनों के साए में सामान्य होने लगी जिंदगी
महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में संगीनों के साए में सोमवार को जनजीवन पटरी पर लौटता दिखा। दुकानें भी खुलीं। लोग घरों से बाहर निकलकर रोजमर्रा के काम करते दिखे। वहीं लोक निर्माण विभाग के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक से प्रभावित लोग राहत महसूस कर रहे हैं। रामगोपाल मिश्रा की हत्या और फिर भड़की हिंसा के बाद 23 घरों पर अतिक्रमण का नोटिस चस्पा किया गया था। सोमवार को नोटिस वाले अधिकांश घर बंद रहे। कुछ घरों में लोग मौजूद रहे, जो बात करने से कतराते रहे।

महराजगंज कस्बा निवासी राजकिशोर गुप्ता ने बताया कि लोगों में अब भी दहशत है। वहीं, मोहम्मद शमीम, पूर्व प्रधान चंदपईया शकील अहमद ने बताया कि माहौल शांत है। डर के चलते कई लोग घर छोड़ कर चले गए थे। सभी धीरे-धीरे वापस लौट रहे हैं। कोर्ट के आदेश के बाद से लोग खुश हैं।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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