इंडियन और अलशिफा पैथोलॉजी लैब का मामला

मुरादाबाद। कांठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक अधीक्षक डा. राजीव चौधरी भले ही छापेमारी कर रहें हो लेकिन उमरी कलां में अपंजीकृत पैथोलॉजी लैबो का मकड़जाल आज भी फैला है। मुंह देखकर कर एमओआईसी कार्यवाही करतें हैं। इस दिखावटी कार्यवाही से स्वास्थ्य विभाग की लचीली कार्यवाही पर सवाल तो उठ ही रहें हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश की भी अवहेलना होती नज़र आ रही है।
जी हां! इंडियन पैथोलॉजी लैब नूरपुर रोड़ और अलशिफा पैथोलॉजी लैब इस दिखावटी कार्यवाही का मात्र उदाहरण है। जिन पर एक्शन लेना तो दूर एमओआईसी डा. राजीव चौधरी निरीक्षण करने तक पहुंचे तक नहीं।
उमरी कलां की इन अपंजीकृत पैथोलॉजी लैबों पर कार्यरत अनट्रेंड युवक डोर टू डोर जाकर या झोलाछाप डाक्टरों के अपंजीकृत अस्पतालों पर जाकर मरीजों का सुई द्वारा खून चूस रहें हैं। उसी खून की रिपोर्ट संचालक बनाकर झोलाछाप को देखकर अपनी रिपोर्ट को सहीं बताकर मरीजों का उपचार करा रहें हैं जबकि इस आधी अधुरी रिपोर्ट से सटीक इलाज संभव नहीं है।
यदि हम पैथोलॉजी लैबों पर एकत्रित होने वाले बायोमेडिकल वेस्ट कचरें के निस्तारण की बात करें तो अनट्रेंड युवक ही उसको कूड़ेदान या बहते पानी के नाली- नालों में फैंक देते हैं। जिससे गंदगी तो होती है बीमारियों को भी दावत दी जा रही है। सीएमओ कुलदीप चौधरी या संबंधित एसडीएम को इस घोर लापरवाही पर कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है वरना इन अपंजीकृत पैथोलॉजी लैबों का दायरा बढ़ता ही रहेगा और यूही जनमानस की जिंदगी से खिलवाड़ झोलाछाप करते रहेंगे।