आरोपियों के एनकाउंटर की मांग को लेकर गुस्साए परिजनों ने किया चार घंटे तक जाम
बरेली में बुधवार को दिनभर पुलिस पुष्पेंद्र उर्फ पुष्पाल के परिजनों को समझाती रही, लेकिन शाम ढले शव लेकर गांव पहुंचते ही उन्होंने बीसलपुर रोड पर जाम लगा दिया। चार घंटे तक नारेबाजी व गतिरोध बना रहा। परिजन कभी आरोपियों के एनकाउंटर तो कभी उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग पर अड़ रहे। कभी मनुहार तो कभी तकरार के बीच रात दस बजे जाम खोला और शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि भुता थाना क्षेत्र में मंगलवार शाम बीसलपुर रोड पर नवदिया सीएनजी पंप के पास पुष्पेंद्र उर्फ पुष्पाल सिंह की हत्या कर दी गई। वह अपने गांव खरदाह से भुता लौट रहे थे। हमलावरों ने घेरकर उनके सीने में चार गोलियां मारी थीं। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द किया गया।

कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची
शाम छह बजे परिवार के लोग पुष्पेंद्र का शव लेकर शहर से खरदाह पहुंचे। भुता से बीसलपुर के बीच खरदाह पर लोगों ने जाम लगा दिया। साथ चल रही पुलिस ने इन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। तब एसपी उत्तरी मुकेश मिश्रा, सीओ फरीदपुर आशुतोष शिवम व आसपास के सभी थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुष्पेंद्र के साले पवन गंगवार मेरठ के महिला थाने में दरोगा हैं। रात में निजी अस्पताल पहुंचकर पवन ने हत्या पर नाराजगी जताई। वहीं दिन में बहन संगीता के साथ एसएसपी अनुराग आर्य ने पवन की करीब आधा घंटा बात हुई।
परिजन बोले- आरोपियों का एनकाउंटर हो
एसएसपी ने परिजनों को ठोस कार्रवाई का भरोसा दिलाया। वहां से वह संतुष्ट होकर चले गए पर रात में खरदाह में जाम लगा दिया। पवन ने कहा कि इन कातिलों का भी एनकाउंटर होना चाहिए। योगी सरकार में हमारे साथ अन्याय नहीं हो सकता है उनके घरों पर भी बुलडोजर चलना चाहिए। एसपी उत्तरी से लेकर सीओ तक से पवन की नोकझोंक हुई।
सीने के आसपास दो तमंचों से मारी थीं चार गोलियां
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुष्पेंद्र के शव का बुधवार को तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें चार गोलियां लगने से मौत की पुष्टि हो गई। पोस्टमार्टम पैनल से कराने का अनुरोध किया गया था। पहले डॉ. अमित कुमार व डॉ. विवेक कुमार के नाम पैनल में रखे गए। बाद में डिप्टी सीएमओ डॉ. लईक को भी पैनल में शामिल किया गया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्रॉफी कराई गई। रिपोर्ट में पुष्पेंद्र को चार गोली लगने की पुष्टि हुई। चारों गोली सीने के आसपास मारी गईं। इनमें दो गोली शरीर में मिल गई, जबकि 12 बोर के दो अन्य कारतूस के छर्रे शरीर में अलग-अलग जगह धंसे मिले। उसका हृदय, फेफड़े व लीवर गोलियों से क्षतिग्रस्त हो गए थे, इसके साथ ही ज्यादा रक्तस्राव से मौत की पुष्टि हुई। हत्यारोपियों ने पुष्पेंद्र को इस तरह से गोलियां मारीं कि हमले के बाद वह किसी तरह बच न सके।

रिश्तेदार दरोगा ने गुस्से में उतारी शर्ट
पुष्पेंद्र के साले मेरठ से आए एसआई पवन गंगवार ने बीसलपुर रोड पर जाम के दौरान हंगामा करते हुए अपनी शर्ट उतारकर फेंक दी। उन्होंने कहा कि बहनोई की इतनी निर्ममता से हत्या की गई है तो उनका पहला लक्ष्य आरोपियों को सजा दिलाना है। इसके लिए अगर नौकरी छोड़नी पड़ जाए तो वह भी छोड़ देंगे। जरूरत पड़ी तो राजनीति में जाएंगे पर बहन के परिवार को न्याय दिलाकर ही दम लेंगे।
हिस्ट्रीशीटर का नाम निकलवाने में रिश्तेदार की भूमिका
एसएसपी ने इनसे पूछा कि विनोद की हत्या में पूरनलाल व उसका भाई अर्जुन भी नामजद किए गए थे तो उन दोनों के नाम दो महीने के अंदर कैसे निकल गए। संगीता कुछ जवाब दे पातीं, इसके पहले एक रिश्तेदार ने ही पोल खोल दी। कहा कि पूरनलाल हिस्ट्रीशीटर था, वह उससे दुश्मनी नहीं चाहते थे। इसलिए केवल गोली मारने वाले पवन पर चार्जशीट लगाने को कह दिया। तब पुलिस ने पूरन समेत दो लोगों के नाम निकाल दिए। चूंकि उन लोगों की सहमति थी तो उन्होंने कोर्ट में भी चार्जशीट का विरोध नहीं किया। एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि पुष्पेंद्र की पत्नी संगीता की ओर से 10 आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। दबिश में मिले 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। एसओजी समेत पांच टीम गिरफ्तारी के लिए गठित की हैं। वादी पत्नी को सुरक्षा दी गई है। सीओ फरीदपुर को फिलहाल मौके पर ही कैंप करने का निर्देश हैं। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

एसएसपी ने संगीता के साथ भेजा गनर
संगीता ने पति की हत्या के बारे में जब एसएसपी को बताया तो उन्होंने तत्काल ही एक गनर संगीता की सुरक्षा में तैनात कर दिया। एसएसपी ने कहा कि जनपदीय सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लेकर एक-दो दिन में ही एक और गनर अवमुक्त कर दिया जाएगा ताकि वादी के साथ हर वक्त सुरक्षा रहे। इनके साथ ही संगीत के घर पर पिकेट लगाने का भी निर्देश दिया। गांव में भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल मौजूद है।