संगीता मदान पर अदालत का कड़ा फैसला, महिला के इलाज में लापरवाही के लिए जुर्माना
Moradabad News: स्थायी लोक अदालत ने मैटरनिटी एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेंटर की डॉक्टर संगीता मदान पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। फैसले में अदालत ने कहा कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण महिला की हालत बिगड़ी और वह अपने बच्चे के मातृत्व प्रेम से भी वंचित रहीं। अदालत ने पीड़िता को दो माह में जुर्माने की धनराशि देने के आदेश दिए। सिविल लाइंस के रामगंगा विहार निवासी छवि शुक्ला स्थायी लोक अदालत मे वाद दायर किया था। जिसमें बताया कि 2012 में वह गर्भवती थीं। उनका इलाज रामगंगा विहार स्थित मदान मैटरनिटी एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेंटर में डाॅक्टर संगीता मदान की देखरेख में चल रहा था।

डाॅक्टर द्वारा बताए गए सभी टेस्ट कराए और दवाइयां भी ली थीं। 20 जून 2012 को डाॅक्टर ने महिला के पति अनुराग शुक्ला को बताया कि बिना ऑपरेशन के छवि का प्रसव संभव नहीं है। अगले दिन छवि को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। ऑपरेशन से छवि को एक बच्चा हुआ, लेकिन ऑपरेशन के कुछ देर बाद छवि को परेशानी होने लगी। उन्हें सांस लेना मुश्किल हो गया। इसके बाद डॉ. संगीता मदान ने छवि को काॅसमाॅस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, लेकिन यहां से भी चिकित्सकों ने इलाज न कर उसे दिल्ली ले जाने की सलाह दी।
अस्पताल में खर्च हुए 1.94 लाख
छवि को दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां डाक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन से पहले नशे की दवा अधिक मात्रा में दी गई थी। जिससे न केवल बीपी लो हुआ बल्कि शरीर में पस भी पड़ने लगा। वहां 15 दिन से अधिक इलाज चला। जिसमें करीब 1.94 लाख रुपये खर्च हुए। अनुराग शुक्ला ने इस मामले की शिकायत डॉ. संगीता मदान से की तो उन्होंने इलाज के कुछ रुपये पीड़ित को दे दिए।

अदालत ने माना, हुई मानसिक क्षति
इस वाद को स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एवं सदस्य वीरेंद्र सिंह, संदीप शर्मा द्वारा सुना गया। अदालत ने बात को माना कि छवि एवं उसके परिवार को न केवल मानसिक रूप से क्षति हुई है, बल्कि एक मां को अपने पुत्र के प्रेम से भी वंचित रहना पड़ा। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए मदान मैटरनिटी एंड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सेंटर की चिकित्सक डाॅक्टर संगीता मदान को दो माह में पीड़िता को पांच लाख रुपये और वाद व्यय के रूप में दस हजार रुपये देने के आदेश दिए।
अस्पताल में खर्च हुए 1.94 लाख
छवि को दिल्ली में सर गंगाराम अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां डाक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन से पहले नशे की दवा अधिक मात्रा में दी गई थी। जिससे न केवल बीपी लो हुआ बल्कि शरीर में पस भी पड़ने लगा। वहां 15 दिन से अधिक इलाज चला। जिसमें करीब 1.94 लाख रुपये खर्च हुए। अनुराग शुक्ला ने इस मामले की शिकायत डॉ. संगीता मदान से की तो उन्होंने इलाज के कुछ रुपये पीड़ित को दे दिए।