5 करोड़ की जमीन के लिए हत्या: बदायूं में फार्मासिस्ट शाकिर का अपहरण और गला दबाकर हत्या।
फार्मासिस्ट शाकिर की अपहरण के बाद गला दबाकर हत्या की गई। अब पुलिस शव की तलाश में जुटी है। इसके लिए नहर व तालाब में तलाश कराई जा रही है। बदायूं के मोहल्ला कबूलपुरा निवासी फार्मासिस्ट शाकिर अली 15 अक्तूबर से लापता थे। परिजन ने अपहरण की रिपोर्ट कोतवाली में दर्ज कराई। पुलिस छानबीन में पता चला कि सहसवान में वर्ष 2022 में फार्मासिस्ट ने 23 बीघा जमीन खरीदी थी। यह जमीन दिल्ली में रहने वाली मंजू नाम की महिला से सहसवान के तीन लोगों ने दिलाई थी, लेकिन जमीन का बैनामा नहीं हुआ था। अब उस जमीन के दाम पांच करोड़ रुपये तक पहुंच गए। ऐसे में फार्मासिस्ट ने जमीन का बैनामा कराने के लिए तीनों लोगों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।

जमीन के दाम करोड़ों में होने के चलते तीनों का मन भी बदल गया और फार्मासिस्ट को रास्ते से हटाने की रणनीति बनानी शुरू कर दी। 15 अक्तूबर को तीनों लोग फार्मासिस्ट को दावत खिलाने की बात कहते हुए सहसवान ले गए। जहां उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। बाद में शव को कही फेंक दिया। इस घटना को अंजाम देने में आठ लोग शामिल थे। इसमें एक संभल निवासी भी शामिल है। उधर, पुलिस अपहरण के मामले में शाहिद अली, आरिश चौधरी नाजमा पहले ही जेल भेज चुकी है। अब पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया। उनसे पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि फार्मासिस्ट की हत्या अपहरण वाले दिन ही कर दी गई थी। शव जरीफनगर क्षेत्र के एक नहर में फेंकना बताया।
शुक्रवार को पुलिस नहर पर पहुंची। जहां पर पुलिस पूरे दिन शव को तलाश करती रही। शव नहीं मिलने पर आरोपियों से फिर से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि बिनावर क्षेत्र के गांव इकराम नगर गौटिया के तालाब में शव फेंका है। इसके बाद पुलिस तालाब पर पहुंची। तालाब 25 बीघा का है और उसमें पानी भरा हुआ है। फार्मासिस्ट के परिजनों को भी बुला लिया। पूरी रात तालाब से पानी निकाला गया, लेकिन शनिवार दोपहर तक भी तालाब का पानी नहीं निकल सका। इसके बाद दोपहर बाद फार्मासिस्ट के परिजनों ने गोताखोर बुला लिए। उन्होंने काफी देर तक शव की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद गोताखोर भी लौट गए।

पुलिस ने नहीं परिजनों ने किए शव बरामदगी के प्रयास
पुलिस की कार्यप्रणाली का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शुक्रवार की देर रात पुलिस तालाब के पास पहुंची। फार्मासिस्ट के परिजनों को भी बुला लिया गया। इसके बाद वहां पर एक दरोगा को छोड़कर बाकी सभी पुलिसकर्मी वापस चले गए। फार्मासिस्ट के परिजनों ने पंपसेट की व्यवस्था कर पानी निकालना शुरू कराया। शनिवार तक जब पानी कम नहीं हुआ तो पीड़ित परिवार ने ही कही से गोताखोर बुलाए। एक दरोगा के अलावा पुलिस के किसी अधिकारी ने तालाब तक जाने की जहमत नहीं उठाई।
किसान के खेत में घुसा तालाब का पानी, किया विरोध
दो पंपसेट लगाकर तालाब का पानी सड़क किनारे खंदक में छोड़ दिया गया। खंदक भरने के बाद एक किसान के खेत में पानी पहुंचना शुरू हो गया। जबकि किसान को गेहूं की बोआई करनी थी। ऐसे में खेत स्वामी ने विरोध किया को पंपसेट को बंद कर दिया। इसके बाद जेसीबी मंगाकर पानी की निकासी के लिए रास्ता बनाया गया। कुछ आरोपियों को लेकर पूछताछ की तो उन्होंने पहले शव नहर में फेंकने की बात बताई। बाद में तालाब में बताया, लेकिन दोनों जगह शव नहीं मिला। अभी जांच की जा रही है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। -डॉ. बृजेश कुमार सिंह, एसएसपी