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निजी विश्वविद्यालय के हॉस्टल में हत्या की आशंका: छात्र का शव फंदे से लटका मिला।

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परिजनों का आरोप: मृतक के पिता और बहन ने कहा- साथी छात्रों के उत्पीड़न के कारण की आत्महत्या।

बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय में मंगलवार रात बीसीए (एआई) चतुर्थ वर्ष के छात्र अभिषेक (24) का शव पंखे से लटका मिला। बिथरी थाना पुलिस के पहुंचने पर विश्वविद्याल प्रशासन ने गेट खोला। शव उतरवाकर औरैया निवासी परिजनों को सूचना दी। पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। वहीं, मृतक के पिता और बहन ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि साथी छात्रों की अभद्रता की वजह से उसने खुदकुशी कर ली। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।

अभिषेक औरैया जिले के दिबियापुर क्षेत्र के शांतिनगर का निवासी था। उसके पिता शिव सिंह यादव सेना में हवलदार हैं। उनकी तैनाती पश्चिम बंगाल के कालीपोंग में है। उन्होंने फोन कॉल पर अमर उजाला को बताया कि वह बेटे को कनाडा भेजने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच यह घटना हो गई। चार दिन पहले ही प्रयोगात्मक परीक्षा देने की बात कहकर वह घर से आया था। दोस्त के घर से जरूरी फाइलें लेकर वह छात्रावास पहुंचा। उसने उन्हें कॉल करके बताया था कि जिस दिन वह आया, उसी दिन किसी छात्र का लैपटॉप चोरी हो गया था।

कुछ छात्रों से हुआ था विवाद 

अभिषेक ने उन्हें बताया था कि उसे वार्डन ने छात्रावास का डीसी (मॉनीटर) बना रखा है, इसलिए उसे सभी छात्रों के कमरों की तलाशी की जिम्मेदारी दी गई है। तलाशी के दौरान ही कुछ लड़कों से उसका विवाद हो गया। इस बारे में भी उसने कॉल कर पिता को जानकारी दी थी। पिता के मुताबिक, उसने कहा था कि वार्डन बाहर हैं। फोन कॉल पर भी वह नहीं सुन रहे हैं। तब उन्होंने बेटे को समझाया था कि किसी से विवाद मत करो। वार्डन आ जाएं तो उन्हीं को स्थिति बताना। इसके बाद उन्हें बेटे की खुदकुशी की सूचना मिली।

बहन बोली- विश्वविद्यालय ने नहीं दी सूचना
अभिषेक की बड़ी बहन शिवानी ने बताया कि उसकी व पिता की फोन कॉल पर भाई से रोज बात होती थी। मंगलवार को उसने कॉल रिसीव नहीं की तो उन्हें लगा कि थककर सो गया होगा। उन लोगों ने उसके दोस्त शिवम को कॉल की। शिवम ने कमरे में जाकर देखा तो अभिषेक का शव पंखे से लटका मिला। शिवम ने ही उन लोगों को सूचना दी। विश्वविद्यालय ने कोई सूचना नहीं दी है। वहीं, शिव सिंह ने बताया कि उनकी चार संतानों में अभिषेक तीसरे नंबर का था। वह पढ़ाई में काफी होशियार था। छह महीने बाद उसकी डिग्री पूरी होनी थी। दिवाली पर वह घर आया था। तब उसने कनाडा की कंपनी में भी नौकरी मिलने की संभावना जताते हुए इसमें 10 लाख रुपयों का खर्चा बताया था। वह रुपयों का इंतजाम भी कर रहे थे, पर सपना अधूरा रह गया।

जांच में हम करेंगे पूरा सहयोग
इन्वर्टिस विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन अमिताभ द्रोण ने बताया कि अभिषेक दो दिन पहले घर से आया था। फिलहाल, अपने कमरे में अकेला रह रहा था। आत्महत्या के कारणों की पुलिस जांच करेगी। हम पूरा सहयोग करेंगे। एसपी उत्तरी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि सीओ हाईवे और बिथरी पुलिस को भेजकर जांच कराई तो पता लगा कि मामला आत्महत्या का है। वजह को लेकर जांच की जा रही है। परिजनों के आने का भी इंतजार है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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