घटना थाने के सरकारी आवास में हुई, जहां दरोगा का परिवार रहता था।
मां की फटकार से आहत दरोगा की 15 वर्षीय बेटी ने प्रेमनगर थाने के सरकारी आवास में आत्महत्या कर ली। निजी अस्पताल में मौत की पुष्टि के बाद परिवार शव को बुलंदशहर ले गया। बदायूं जिले के दातागंज थाने में तैनात दरोगा प्रदीप तेवतिया पहले बरेली में ही नियुक्त थे। उन्हें प्रेमनगर थाने में सरकारी आवास मिला हुआ है। इसमें उनकी पत्नी व दो बच्चे रहते थे। इनमें बेटा छोटा और 15 साल की बेटी हिमांशी बड़ी थी। शनिवार शाम हिमांशी ने अपने छत पर बने आवास के एक कमरे में पंखे पर दुपट्टे के सहारे लटककर आत्महत्या कर ली।

काफी देर तक उसकी आवाज नहीं आई तो उसकी मां ने आवाज दी। जवाब न मिलने पर वह घबराईं और थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को आवाज देकर बुलाया। इंस्पेक्टर क्राइम समेत पुलिसकर्मी छत पर पहुंचे और धक्का देकर दरवाजा तोड़ा, तब देखा कि उसका शव पंखे पर दुपट्टे के सहारे लटका था। हिमांशी के जीवित होने की उम्मीद में मां के साथ पुलिसकर्मी उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर दातागंज से पिता प्रदीप तेवतिया भी आ गए। परिवार बिना कार्रवाई लिखापढ़ी करके शव को बुलंदशहर ले गया। इंस्पेक्टर प्रेमनगर आशुतोष रघुवंशी ने बताया कि हिमांशी शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में नवीं कक्षा की छात्रा थी।

पता लगा कि उसकी मां ने दाल बनाई थी, जो उसे खाने में अच्छी नहीं लगती थी। उसने इस बात पर मां से नाराजगी जताई तो मां ने उसे डांटकर कह दिया कि चुपचाप यही खा लो। तब वह गुस्सा हो गई और उसने कमरे में जाकर अंदर से कुंडी लगा ली। शुरू में उसकी मां नहीं समझ पाईं। बेटी की मौत से उन्हें गहरा सदमा लगा है।