विवेचना में बदलाव: फतेहगंज पश्चिमी इंस्पेक्टर को सौंपी गई जिम्मेदारी
बरेली की फरीदपुर तहसील से लापता लेखपाल मनीष कश्यप का 12 दिन बाद भी सुराग नहीं मिला है। अब एसएसपी ने विवेचना फतेहगंज पश्चिमी इंस्पेक्टर प्रदीप चतुर्वेदी को दी है। वहीं, एसपी क्राइम के नेतृत्व में चार टीमें तलाश में जुटी हैं। एडीजी हर टीम से रोज अपडेट ले रहे हैं। लेखपाल के न मिलने से पुलिस-प्रशासन सवालों के घेरे में है। एसएसपी अनुराग आर्य ने अपहरण के मामले की विवेचना इंस्पेक्टर फरीदपुर राहुल सिंह से हटाकर इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी प्रदीप चतुर्वेदी को दे दी है। दरअसल लेखपाल की मां ने एडीजी से शिकायत की थी कि फरीदपुर इंस्पेक्टर जानबूझकर मामले में ढिलाई बरत रहे हैं।

एडीजी ने इस मामले में एसएसपी से हस्तक्षेप के लिए कहा था। एसएसपी ने चार टीमों को लेखपाल की तलाश और लापता होने की वजह तलाशने की जिम्मेदारी दी है। एसपी क्राइम इन टीमों का नेतृत्व करेंगे। पहली टीम विवेचक प्रदीप चतुर्वेदी के अधीन काम करेगी। दूसरी चार सदस्यीय टीम एसओजी की रहेगी, इसका नेतृत्व एसओजी प्रभारी सुनील शर्मा करेंगे। तीसरी तीन सदस्यीय टीम साइबर सेल प्रभारी देवेंद्र सिंह धामा के अधीन बनाई है। चौथी टीम में सर्विलांस सेल के तीन पुलिसकर्मी शामिल हैं।
जमीन घोटाले का आरोप खारिज किया, दीवार गिराई
एडीएम प्रशासन व एसपी उत्तरी ने प्रेसवार्ता करके उस आरोप को खारिज किया जिसमें जमीन घोटाले को लेखपाल के लापता होने की वजह बताया गया है। दरअसल लेखपाल की मां ने एक भूमाफिया पर आरोप लगाया था कि 250 बीघा जमीन पर कब्जा व घोटाला था, उनके बेटे ने यह मामला उजागर किया तो उसे रास्ते से हटा दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि गांव खल्लपुर व खरगपुर तालुका रायपुर तोकमन में ग्राम समाज की जमीनों की जांच की गई। खरगपुर तालुका में नवीन परती की जमीन के एक मीटर हिस्से में गांव के ही कल्लूराम ने एक मीटर आगे बढ़ाकर दीवार का निर्माण कराया है। टीम ने उसे हटवा दिया। अधिकारियों ने दावा किया कि किसी जमीन पर कोई अवैध कब्जा जांच में नहीं पाया गया है। आंवला तहसील में तैनाती के समय भी करीब चार दिन के लिए लेखपाल गायब हो गया था। इसके बाद वह खुद लौट आया।

प्रधान से की पूछताछ
मूल रूप से बहेड़ी के मोहल्ला अमरनाथ कॉलोनी निवासी लेखपाल मनीष के मोबाइल की अंतिम लोकेशन तहसील में ही मिली। कॉल डिटेल से पता चला कि क्षेत्र के एक प्रधान से आखिरी बार बात हुई थी। पुलिस ने प्रधान का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगवाया और पूछताछ की।