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होटल में ठहरे आतंकी, स्थानीय नेटवर्क का खुलासा: पीलीभीत एनकाउंटर की नई जानकारी

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पूरनपुर थाना प्रभारी की गाड़ी पर चलीं गोलियां, आतंकियों की साजिश का खुलासा जारी

पंजाब की पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने वाले खालिस्तान समर्थक तीन आतंकियों को पंजाब और पीलीभीत पुलिस ने साझा कार्रवाई में मार गिराया। पूरनपुर क्षेत्र में माधोटांडा मार्ग पर आतंकियों से सोमवार सुबह मुठभेड़ हुई। इसमें दो सिपाही घायल हुए हैं। आतंकियों की गोलियों में से तीन पूरनपुर थाना प्रभारी की गाड़ी पर लगीं। आतंकियों से दो एके-47, दो विदेशी पिस्टल और चोरी की एक बाइक बरामद हुई है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने बताया कि आतंकी कब आए थे, कहां रुके और उनका स्थानीय कनेक्शन क्या था, इसकी जांच की जा रही है।

पंजाब पुलिस के महानिदेशक गौरव यादव के अनुसार, आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह (25), वरिंदर सिंह उर्फ रवि (23) और जसनप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह (18) के रूप में हुई है। तीनों पंजाब में गुरदासपुर जिले के रहने वाले थे। उन पर कलानौर थाने की बख्शीवाल चौकी पर हमला करने का आरोप था। पीलीभीत के एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि सोमवार तड़के करीब 4:30 बजे कलानौर थाने की पुलिस यहां पहुंची और अपराधियों के पूरनपुर में होने की सूचना दी। इसके बाद यूपी व पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर तलाशी शुरू की गई।

इसी दौरान, सुबह करीब 5:30 बजे खमरिया पट्टी के पास बाइक से जा रहे तीन संदिग्धों को रोकने के लिए घेराबंदी की। तीनों माधोटांडा मार्ग की तरफ मुड़ गए। वहां खुद को घिरता देख आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से हुई फायरिंग में तीनों जख्मी हो गए। उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बाद में जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पांडेय ने बताया, मुठभेड़ में घायल सिपाही शाहनवाज व बिजनौर के सुमित राठी का इलाज चल रहा है।

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स से जुड़े थे तीनों
पंजाब पुलिस के अनुसार, तीनों आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) से जुड़े हुए थे। सरगना अगवां का ही रहने वाला वरिंदर था। पंजाब के डीआईजी सतिंदर सिंह ने बताया कि ग्रेनेड हमले के बाद आतंकियों के पीलीभीत में छिपे होने की सूचना थी। पुलिस पता लगा रही है कि आतंकियों ने पीलीभीत ही क्यों चुना, उनसे मिली बिना नंबर की बाइक किसकी थी।

पाकिस्तान प्रायोजित मॉड्यूल के खिलाफ बड़ी सफलता
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया, 18 दिसंबर को बख्शीवाल पुलिस चौकी पर ग्रेनेड हमला हुआ था। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने सोशल मीडिया के जरिये हमले की जिम्मेदारी ली थी। मुठभेड़ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ बड़ी सफलता है। पंजाब के जिलों में इस महीने तीन धमाके हुए हैं। शुरुआती जांच के मुताबिक, मॉड्यूल का नियंत्रण केजेडएफ के मुखिया रंजीत सिंह नीता के हाथ में था। इसका संचालन ग्रीस में रह रहा जसविंदर सिंह मन्नू कर रहा था, जो खुद भी कलानौर के अगवां गांव का रहने वाला है।

ब्रिटिश सेना में है मास्टरमाइंड जगजीत
डीजीपी यादव ने बताया कि ब्रिटेन में मौजूद जगजीत सिंह इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड था। जगजीत ही ग्रेनेड हमलों की जिम्मेदारी लेने के लिए फतहसिंह बागी के नाम से सोशल मीडिया पर संदेश पोस्ट करता है। खास बात यह है कि जगजीत ब्रिटिश सेना में काम कर रहा है। यादव ने कहा, मॉड्यूल के अन्य आतंकियों और संपर्कों की जांच की जा रही है। भविष्य में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

आतंकियों के होटल में ठहरने की चर्चा
उधर, मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों का स्थानीय कनेक्शन बड़ा सवाल है। आतंकियों के नगर में किसी होटल में ठहरने की चर्चा जोरों पर है। पंजाब में वारदात कर आतंकी पीलीभीत कब और क्यों आए, यहां उनके संपर्क में कौन है, यहां किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में तो नहीं थे। ऐसे कई सवाल हैं, जो लोगों के जेहन में घूम रहे हैं। हालांकि पुलिस इस बारे में सिर्फ इतना ही बता पा रही है कि ये तथ्य विवेचना का विषय हैं। एडीजी रमित शर्मा ने प्रेसवार्ता में खालिस्तानी अपराधियों के जिले में पहुंचने, स्थानीय कनेक्शन और अन्य सवालों के जवाब में विवेचना जारी होने की बात कही।

बड़ा सवाल… आतंकियों का मददगार कौन 
पंजाब में चौकी पर हमला करने के बाद गुरदासपुर के रहने वाले तीनों आतंकियों ने पीलीभीत में ही आकर क्यों शरण ली, यह बड़ा सवाल है। सूत्रों का कहना है कि जब नेपाल भागने की फिराक में थे तो दो दिन पहले से आकर यहां रुके क्यों। पहले ही क्यों नहीं भाग गए। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पीलीभीत में उनका कोई मददगार तो नहीं है। जिसके भरोसे तीनों का आकर रुके थे। एडीजी रमित शर्मा ने कहा है कि इस बिंदु पर भी गंभीरता से जांच की जा रही है।

घटना स्थल पर दूर तक थे खून के निशान
हरदोई ब्रांच नहर के असम हाईवे पुल से करीब दो किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पुलिस की गाड़ी डी के के शीशे के छोटे-छोटे टुकड़े पड़े थे। इससे करीब पांच मीटर दूरी पर सड़क किनारे झाड़ियों में आतंकियों की बाइक पड़ी थी। बाइक के पास खेतों की ओर जाने वाले रास्ते पर दूर तक खून के छींटे थे। खून के छींटे एक खेत के किनारे झाड़ियों के पास भी थे। लोगों का मानना है कि गोली लगने के बाद आतंकियों ने बाइक छोड़कर खेतों में भागने की कोशिश की।

जंगी एप से करते थे बात, पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के बाद जारी किया था फोटो
आतंकियों ने 18 दिसंबर को बख्शीवाल चौकी पर ग्रेनेड फेंका था। बताया जा रहा है कि पटना की जिम्मेदारी लेते हुए एक स्क्रीन शॉट जारी किया गया था, जो पंजाब पुलिस के हाथ लग गया। इसके बाद  पंजाब पुलिस ने आतंकियों का पीछा शुरू किया और पीलीभीत पहुंची। बताते हैं कि आतंकी मोबाइल से बात करने और संदेश भेजने में किसी जंगी एप का प्रयोग करते हैं। इस एप में भेजा गया संदेश व डाटा 20 सेकेंड में खुद ही डिलीट हो जाता है।

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