भ्रष्टाचार के आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने की मंत्री की मांग
पॉलीटेक्निक संस्थाओं में विभागाध्यक्ष पद पर प्रोन्नति में अनियमितता को लेकर उठ रहे सवालों से नाराज प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने एक बार फिर अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने की मांग की है। साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक चरित्र हनन का प्रयास बताते हुए अपने कार्यकाल में किए लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच कराने की मांग दोहराई है।

बता दें कि हाल में ही प्राविधिक शिक्षा विभाग ने पॉलीटेक्निक संस्थाओं में विभागाध्यक्षों के 177 पदों को पदोन्नति से भरा था। अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने पदोन्नति में अनियमितता और पिछड़ों के आरक्षण की अनदेखी करके प्रोन्नति दिए जाने का आरोप लगाया था। यही नहीं उन्होंने इस मामले में बड़े पैमाने पर लेन-देन का भी आरोप लगाया था। पल्लवी ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग भी उठाई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास धरना भी दिया था।
उस समय भी आशीष पटेल ने इस प्रकरण की जांच कराने की मांग की थी। आशीष पटेल ने विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव एम देवराज की अध्यक्षता में गठित पदोन्नति समिति की संस्तुति पर पदोन्नति किए जाने का हवाला देते हुए पल्लवी के आरोपों को खारिज भी किया था। उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर से अपने एक्स हैंडल के जरिए आशीष ने भ्रष्टाचार के आरोपों की मांग की है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि सरकार चाहे तो उनकी और उनकी पत्नी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की सांसद और एमएलसी बनने के बाद अर्जित संपत्तियों की भी जांच करा लिया जाए।

मंत्री ने वर्गवार पदोन्नति सूची जारी करते हुए एक्स पर लिखा है कि ओबीसी और वंचित वर्ग के लोगों को पदोन्नति का लाभ मिलना कुछ लोगों को पच नहीं रहा है। इसलिए वह मेरे खिलाफ झूढे और तथ्यविहिन आरोप लगा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा मैं सामाजिक न्याय की बात करता हूं, जो कुछ लोगों को ठीक नहीं लगता है, लेकिन मैं इससे डरने वाला नहीं हूं। उन्होंने कहा है कि मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र या दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फ़ोर्स की होगी ।