वसीयत और रजिस्ट्री से जमीन कब्जा करने का तरीका अपनाता था भूमाफिया गिरोह।
बरेली में भूमाफिया गिरोह के सरगना निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल और उसके खास गुर्गे अमित राठौर को कोर्ट में पेश कर पुलिस ने जेल भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने उनसे लंबी पूछताछ की। इसमें पता लगा कि वे शरीफों व गरीब लोगों के भूखंड पर नजर रखते थे। मौका मिलते ही उसे कब्जा लेते थे। ये विवादित जमीन की भी वसीयत व रजिस्ट्री करा लेते थे। अब तक वे ऐसे कई भूखंड कब्जा चुके हैं।

नवादा शेखान निवासी सावन कुमार जायसवाल व सुपर सिटी निवासी अमित राठौर से एसपी सिटी मानुष पारीक ने सोमवार को बारादरी थाने में लंबी पूछताछ की। पुलिस के मुताबिक दोनों ने स्वीकार किया कि वे अपने रसूखदार साथियों की मदद से भूखंड कब्जाने का गिरोह चला रहे थे। अमित व सुनील का काम ऐसे महंगे भूखंड खोजना था, जिनके मालिक गरीब या शरीफ हों। वे ऐसे भूखंड पर भी नजर रखते थे, जिनके असली मालिक की मौत हो चुकी हो और परिजन बाहर रहते हों। पुलिस के मुताबिक, लेखपाल उन मृतकों के फर्जी कागजात बनवाकर संबंधित भूखंड को वसीयत के तौर पर गिरोह के सदस्यों के नाम कराता था। फिर ये लोग गिरोह के दूसरे सदस्यों या दबंगों को कम रुपये में इस भूखंड की रजिस्ट्री कर देते थे। रजिस्ट्री कोर्ट में दाखिल करके ये लोग स्टे ले लेते थे और फिर भूखंड पर कब्जा कर लेते थे।
सीसीटीवी कैमरे लगाकर बैठा देते थे गुंडे
भूखंड पर कब्जा कर ये लोग चहारदीवारी खड़ी कर देते थे। वहां गेट व कैमरे लगवा देते थे। गुंडों की फौज के साथ ही अनुसूचित वर्ग की महिलाओं को वहां तैनात कर देते थे। ये असली मालिक को पीटकर भगा देते थे। थाने में भी भूखंड के असली वारिस की सुनवाई नहीं होती थी। कई बार पुलिस इन लोगों को उतने समय तक थाने में बैठा लेती थी, जितनी देर में मौके पर कब्जा किया जा सके।

एक और मामला दर्ज करने का निर्देश
एसपी सिटी ने बताया कि लेखपाल के गिरोह ने कई भूखंडों पर कब्जा किया है। नकटिया में भी इन्होंने भूखंड कब्जाए हैं। बारादरी थाना क्षेत्र में ही रहने वाले मुर्तजा से भी गिरोह ने इसी तरह ठगी कर ली। सोमवार को मुर्तजा ने एसपी सिटी को हकीकत बताई। एसपी सिटी ने बताया कि इस मामले में भी रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया है।