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लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर विभाग का तगड़ा एक्शन, 10 लाख रुपये का मामला सामने आया

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मार्च 2024 में दिल्ली में पकड़े गए थे आलोक के ड्राइवर, 10 लाख रुपये की बरामदगी

आयकर विभाग की टीम ने आलोक अग्रवाल को दूसरी बार अपनी जांच में शामिल किया है। पहली बार चुनाव के दौरान( मार्च 2024) दिल्ली में 10 लाख रुपये के साथ आलोक के ड्राइवर को आयकर विभाग की टीम ने पकड़ा था। पूछताछ में ड्राइवर ने गोरखपुर के आलोक अग्रवाल का रुपया बताते हुए आलोक का नाम ले लिया था। इसके बाद जांच टीम की तरफ से रुपयों को जब्त करते हुए आलोक अग्रवाल को इस बेनामी रकम से संबंधित पूछताछ के लिए दिल्ली आयकर विभाग में पेशी करवाया था। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो इसी के बाद से आलोक आयकर विभाग के रडार पर चढ़ गया था। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो मार्च की कार्रवाई के बाद से छापा पड़ने के बीच आलोक अग्रवाल की तरफ से कई नए उद्योग की नींव रखी गई। जबकि पुराने मामले में आलोक की तरफ से दस लाख रुपयों को लेकर कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा सकी थी। इनकम टैक्स सूत्रों के मुताबिक, आलोक अग्रवाल ने दिल्ली में अपनी पत्नी के नाम से लगभग 4 से 5 करोड़ रुपये का एक फ्लैट खरीदा है।

इस फ्लैट की रजिस्ट्री के बीच ही देश में लोकसभा चुनावों के चलते आदर्श आचार संहिता लागू हो गया था।  इसी बीच 21 मई को हरियाणा का रहने वाला ड्राइवर शिव कुमार से आलोक अग्रवाल नकद रुपये लेकर भिजवा रहा था। दिल्ली हरियाणा बॉर्डर के सेन मार्टिन मार्ग के पास आयकर विभाग की टीम ने रूटीन जांच में आलोक के ड्राइवर को गाड़ी के साथ पूछताछ के लिए रोका। जांच में गाड़ी के अंदर से नकद 10 लाख रुपये मिल गए। आयकर विभाग की टीम को लीड सत्यम चौधरी कर रहे थे। इनकी टीम ने ड्राइवर और नकद रुपयों को जब्त कर आयकर विभाग के ऑफिस लेती आई। रात भर शिव कुमार से पूछताछ हुई इसके बाद दिए बयान के आधार पर लिखित रिकार्ड में आलोक अग्रवाल का नाम दर्ज हो गया।

इसके अगले दिन 22 मई को आयकर विभाग की तरफ से आलोक अग्रवाल के नाम से सम्मन टू विटनेस, सेक्शन 131(1ए) एक्ट 1961 के तहत रुपयों से जुड़ा बयान के लिए दिल्ली आयकर विभाग के दफ्तर बुलाया था। इसके साथ ही आलोक अग्रवाल को उन बैंक खातों की डिटेल भी लेकर जानी थी, जिससे इन रुपयों की निकासी हुई थी और ड्राइवर लेकर दिल्ली आया था। आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो इसमें 10 हजार रुपये की पेनाल्टी भी आलोक अग्रवाल को जमा करना पड़ा था। सूत्रों ने बताया कि सम्मन मिलने के बाद सहमे आलोक अग्रवाल पेशी के दौरान आयकर विभाग के सामने नहीं पेश कर सके। लेकिन, 10 लाख रुपये की रकम को छोटी रकम जानकर आलोक अग्रवाल मामले को ऐसे ही लापरवाही में लेते चले गए। इसी बीच अलग-अलग नए तीन प्रतिष्ठानों में काफी अच्छी रकम लगाकर आयकर विभाग के सीधे नजर में आ गए।

 आयकर की जांच के बाद खोलते गए नए प्रतिष्ठान
आयकर विभाग के सूत्रों की मानें तो मई के बाद और इसके तीन महीने पहले से आलोक अग्रवाल की तरफ से अलग-अलग नए प्रतिष्ठानों में काफी अच्छा निवेश किया गया। गोरखपुर क्लब में भी प्रबंधन से अनुबंध के आधार पर रेस्टोरेंट खोला था। इसमें काफी अच्छा निवेश किया। इसके संचालन का जिम्मा शहर के एक होटल के निदेशक को दिया था। इसी के साथ रामगढ़ ताल पर फ्लोटिंग रेस्टोरेंट के संचालन का भी अनुबंध आलोक अग्रवाल ने जीडीए के साथ किया था। इसके अलावा कोलकाता में एक फ्लोर मिल और संत कबीरनगर में लगभग पांच एकड़ जमीन भी आलोक की तरफ से अपने एक साझेदार के साथ रजिस्ट्री करवाई गई थी। एक साथ कम समय में रुपयों के निवेश के सापेक्ष आलोक अग्रवाल की तरफ से कर नियमानुसार नहीं जमा किया जा रहा था। आयकर विभाग लंबे समय से इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही थी।

खातों से लेनदेन कम, नकद का प्रयोग
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि आलोक पूरी तरह से परिपक्वता दिखाते थे। अपने और कंपनी के बैंक खातों से लेन-देन न के बरामबर ही करते थे। लेकिन, किसी कंपनी में निवेश करना हो या किसी को आर्थिक मदद करनी हो तो वो कैश में ही करते थे। इन रुपयों का रिकार्ड अपने घर के बगल वाले दफ्तर में अपने केबिन के दराज में रखते थे। इस दराज की डायरी में दिए गए उपहार, कैश रुपयों की जानकारी के साथ ही फ्लोर के अलावा दूसरी कंपनियों या व्यापार में किए गए निवेश में काली रकम( नकदी) का रिकार्ड रखते हैं। आयकर विभाग की टीम ने इस डायरी को भी जांच में कब्जे में लिया है। आयकर विभाग डायरी में दर्ज नामों पर भी जांच को आगे बढ़ा सकती है।

फ्लोट के तीसरे फ्लोर के संचालक के यहां भी पहुंची आईटी
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि आलोक अग्रवाल ने अक्षय आनंद को फ्लोट के तीसरे फ्लोर(तल) के निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी दी है। आयकर विभाग की मानें तो आर्थिक तौर से बेहद सामान्य अक्षय के खातों से पिछले कुछ दिनों में ठीक-ठीक रकम खर्च की गई। ये रकम इसी फ्लोर के मेंटेनेंस में मंगाए गए सामान और अन्य साज सजावट में खर्च किए गए।आयकर विभाग की टीम ने इन रिकार्ड के साथ अक्षय के परिसर भी छापा मारा। अंदेशा है कि अक्षय के आवास से कुछ नकद धनराशि भी आयकर विभाग को मिला है। इसके अलावा पूछताछ में आलोक अग्रवाल और अक्षय के वित्तीय लेन-देन के बेनामी रिकॉर्ड भी जांच टीम को मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग की टीम के अक्षय आनंद के घर छापा मारने की वजह से इस पूरी छापेमारी को फ्लोट से जुड़ी कार्रवाई मान रही है।

Jarees malik

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M: 9997411800, 9719616444

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