इंस्पेक्टर सुनील पर तीन गोलियां लगीं, फिर भी एके-47 से बदमाशों को दिया जवाब
शामली एनकाउंटर में बड़ा खुलासा हुआ है। एक लाख के इनामी अरशद समेत चारों बदमाश एक ही कार में सवार थे। बदमाशों के शामली में लूटपाट करने की जानकारी पर एसटीएफ ने उनकी घेराबंदी की थी। कार की घेराबंदी होते हुए बदमाशों ने कारबाइन, पिस्टल और तमंचे से गोलियां बरसा दीं। एक गोली इंस्पेक्टर सुनील कुमार के सीने में जा लगी। गोली लगने के बाद भी इंस्पेक्टर सुनील ने एके-47 से बदमाशों पर गोलियां चलाई। दोनों ओर से करीब दो-तीन मिनट गोलियां चलती रहीं। इसमें इंस्पेक्टर को तीन गोली लगीं और वह जमीन पर गिर पड़े। तभी एसटीएफ टीम ने मोर्चा संभाल लिया और जवाबी कार्रवाई में चार बदमाशों को ढेर कर दिया।

इंस्पेक्टर सुनील के सीने में लगी गोली
एसटीएफ टीम के सदस्यों ने बताया कि चारों बदमाश कारबाइन, 32 बोर की पिस्टल, तमंचा और पौना बंदूक से गोलियां चला रहे थे। सबसे पहले एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने बदमाशों को ललकारा और आत्मसमर्पण के लिए कहा। बदमाशों ने गोलियां चलाना बंद नहीं किया और एक गोली इंस्पेक्टर सुनील के सीने में लगी। उन्होंने बायां हाथ सीने पर रखा था और दाएं हाथ से एके-47 से गोलियां चलाईं।
सुनील के लीवर में घुस गई थी तीसरी गोली
बदमाशों की दो गोलियां फिर से जांबाज इंस्पेक्टर को लगीं। तीसरी गोली सुनील के लीवर में घुस गई थी। जवाबी फायरिंग में चारों बदमाश मारे गए। एसटीएफ एसपी बृजेश सिंह ने बताया कि बदमाशों को पकड़ने के लिए दो टीम बनाई थीं। एक टीम को इंस्पेक्टर सुनील कुमार लीड कर रहे थे। गोली लगने के बाद भी उन्होंने हौसला नहीं खोया और बदमाशों पर जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाते रहे।

सिपाही पद से भर्ती, कमांडो का लिया प्रशिक्षण
मसूरी गांव निवासी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार (52) के दम तोड़ने की सूचना पर गांव में शोक व्याप्त हो गया। उनके घर सांत्वना देने वालों की भीड़ लग गई। सुनील कुमार जून 1990 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती हुए थे। वर्ष 1997 में हरियाणा के मानेसर स्थित अकादमी से उन्होंने कमांडो का प्रशिक्षण लिया था। 2009 में एसटीएफ में उनकी तैनाती हुई। उनकी तैनाती लखनऊ, नोएडा, मेरठ सहित अन्य एसटीएफ केंद्रों पर रही। लगातार बेहतर कार्य के बल पर पदोन्नति पाते रहे।
आईएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार कराने में निभाई थी अहम भूमिका
सुनील ने शामली में आईएसआई एजेंट कलीम को गिरफ्तार कराने में अहम भूमिका निभाई थी। वर्ष 2023 में अनिल दुजाना को मार गिराया था। 30 मई 2024 को लोनी बॉर्डर पर पचास हजार के इनामी लोनी के राहुल को गिरफ्तार किया था। 8 अक्तूबर 2021 को रंगदारी, अपहरण, हत्या को अंजाम देने वाले पचास हजार के इनामी गोहाना के नवीन को गौतमबुद्धनगर से गिरफ्तार किया था। इनके अलावा भी कई इनामियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। एसटीएफ के एसपी के अनुसार सुनील साहसी थे और घटनाओं का चंद दिनों में ही खुलासा करने में भी अहम भूमिका निभाते थे।
मसूरी गांव निवासी थे एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील
स्वर्गीय चौ. चरण सिंह के पुत्र सुनील कुमार के बड़े भाई अनिल गांव मसूरी में खेती करते हैं। दोनों परिवार साथ रहते हैं। परिवार में सुनील कुमार की मां अतरकली देवी, पत्नी मुनेश देवी और शादीशुदा बेटा-बेटी नेहा चौधरी और मंजीत काकरान हैं। मंजीत पोस्ट ग्रेजुएट हैं और खेतीबाड़ी करते हैं। भतीजे अजीत सिंह के मुताबिक, सुनील कुमार मेरठ पुलिस लाइन में ही रह रहे थे। पिछले सप्ताह घर आने के बाद वे एक दिन रुककर चले गए थे।

मिलनसार था सुनील का स्वाभाव
ग्रामीणों का कहना है कि उनका स्वाभाव मिलनसार था। मंगलवार सुबह से घटना के बारे में पता चलने पर लोगों का उनके घर आना-जाना शुरू हो गया था। बुधवार दोपहर करीब 2:30 बजे उनकी मौत की सूचना मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया। काफी संख्या में ग्रामीण, रिश्तेदार आना शुरू हो गए।
2:30 बजे डॉक्टरों ने सुनील को मृत घोषित किया
सुनील कुमार को गोली लगने की सूचना मंगलवार सुबह परिजनों को मिली। इसके बाद बेटा मंजीत काकरान (28) और दामाद बिट्टू गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल पहुंच गए। दोपहर में अन्य परिवार के सदस्य भी अस्पताल पहुंचे। वह शाम को लौट आए। दोपहर 2:30 बजे पर डॉक्टर ने सुनील को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद बेटा व दामाद ने गांव में परिजनों को जानकारी दी।
एसटीएफ से मुठभेड़ में मुकीम काला गैंग के एक लाख के इनामी अरशद समेत चार बदमाश ढेर
सोमवार रात एसटीएफ मेरठ की चौसाना-गंगोह मार्ग पर उदपुर ईंट भट्ठे के पास कार सवार बदमाशों से मुठभेड़ हो गई। आमने-सामने की हुई फायरिंग में गोली लगने से मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग और मुकीम काला गैंग का शार्प शूटर एक लाख का इनामी सहारनपुर के गंगोह निवासी अरशद, सोनीपत के रोहट गांव के मंजीत उर्फ बिल्ला उर्फ जुबैर, करनाल के मधुबन के अशोक विहार निवासी सतीश और मनवीर गोली लगने से घायल हुआ। करनाल के अस्पताल में चारों बदमाशों की मौत हो गई जबकि गोली लगने से घायल एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील को गंभीर हालत में गुरुग्राम के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया। इंस्पेक्टर ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।