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Moradabad : बच्चे की खरीद-फरोख्त का खेल! 50 हजार में सौदा तय, अगवा कर भागे आरोपी

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अपनी ही मां ने किया सौदा, 50 हजार में बेचा डेढ़ साल का मासूम , बिना रकम चुकाए बच्चे को लेकर फरार हुए आरोपी

मुरादाबाद के कांठ क्षेत्र से तीन पूर्व अगवा किए गए डेढ़ साल के बच्चे को पुलिस ने बरामद कर लिया। मां ने ही अपहरणकर्ताओं से 50 हजार रुपये में बेटे को बेच दिया था। बाद में अपहरण का ड्रामा किया। आरोपी मौका पाकर बिना पैसे दिए ही बच्चे को अगवा कर ले गए थे। इस मामले में पुलिस ने महिला, सौदा तय करने वाले बिचौलिए और बच्चे को खरीदने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि 29 जनवरी की रात बिजनौर के धामपुर थाना क्षेत्र के नई बस्ती चांद मस्जिद निवासी महिला सोनी परवीन ने कांठ थाने में तहरीर दी थी। जिसमें उसने बताया कि उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। 

कुछ लोगों ने उसे काम दिलाने के बहाने कांठ क्षेत्र में बुलाया और उसके डेढ़ साल के बच्चे को अगवा कर भाग गए हैं। पुलिस और एसओजी ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल के जरिए आरोपियों तक पहुंच गई। पुलिस ने शनिवार को अमरोहा के धनौरा थाना क्षेत्र के साहू नगला मिलक निवासी अनिल, नौगांवा सादात रतनपुर खुर्द निवासी सोनू उर्फ रोबिन सनगिल और गजरौला थाना क्षेत्र के बृजेश को गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने आरोपियों से बच्चा बरामद कर लिया है। पूछताछ में अनिल और सोनू ने बताया कि उन्होंने इस बच्चे को 50 हजार रुपये में सोनी परवीन से खरीदा था जबकि 70 हजार रुपये में बृजेश से सौदा तय कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने सोनी परवीन को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने भी बच्चे को बेचने की बात कबूल कर ली है। उसने बताया कि आरोपी उसका बच्चा भी ले गए थे और तय रकम भी उसे नहीं दी थी। इसलिए उसने पुलिस को सूचना दे दी थी। सीओ अपेक्षा निंबाडिया ने बताया कि चारों आरोपी कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिए गए हैं।

खरीदार से अपहरणकर्ताओं ने 15 हजार रुपये लिए थे एडवांस  
पुलिस पूछताछ में अनिल और सोनू ने बताया कि उन्होंने बृजेश से एडवांस में 15 हजार रुपये ले लिए थे। बाकी रकम बच्चा देने के बाद तय हुई थी। आरोपी बच्चे को अगवा कर ले गए। शनिवार की सुबह वह बृजेश को बच्चा देने आए थे और उन्होंने बृजेश से पांच हजार रुपये भी ले लिए थे। इसी दौरान पुलिस ने तीनों को दबोच लिया। पूछताछ में पता चला कि बृजेश के पांच बेटियां हैं, इसलिए वह बेटा खरीदना चाह रहा था।

लूट के मोबाइल से तय किया सौदा जनसेवा केंद्र से ट्रांसफर किए पैसे
 डेढ़ साल के बच्चे को अगवा करने वाले आरोपी अनिल और सोनू अनपढ़ हैं लेकिन उन्होंने ऐसी साजिश रची, जिसे जानकर आईपीएस और पीपीएस अफसर भी हैरान रह गए। आरोपियों ने बच्चे का सौदा तय करने के लिए लूट का मोबाइल इस्तेमाल किया और दूसरे जनपद में जाकर जनसेवा केंद्र से महिला के खाते में 500 रुपये ट्रांसफर कराए। इस केस की तफ्तीश में कड़ी से कड़ी जुड़ी तो कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए। 

एसएसपी सतपाल अंतिल ने बच्चे की बरामदगी के लिए एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह और सीओ कांठ अपेक्षा निंबाडिया के नेतृत्व में कांठ थाने के अलावा सर्विस सेल और एसओजी समेत पांच टीमों का गठन किया था। जिस क्षेत्र में बच्चा अगवा किया गया था। उस के आसपास में कोई कैमरा नहीं मिला था। इसके अलावा महिला भी बार-बार बयान बदल रही थी। 

शक के घेरे में आई महिला से पूछताछ न करते हुए उसके मोबाइल और खाते की डिटेल निकलवाई, जिसमें पता चला कि महिला और आरोपियों के बीच फोन पर कई बार बात हुई थी। पुलिस ने इस नंबर की कॉल डिटेल और आईडी निकलवाई, तब पता चला कि यह मोबाइल मझोला क्षेत्र से कुछ दिन पहले ही लूटा गया है। इसके अलावा महिला के खाते से यह पता चला कि घटना वाले दिन उसके खाते में संभल के जनसेवा केंद्र से 500 रुपये ट्रांसफर किए गए थे।

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महिला ने उसके तुरंत बाद उसे अपने गांव के पास एक चौराहे पर स्थित जनसेवा केंद्र से रुपये निकाले थे। पुलिस ने दोनों जनसेवा केंद्र की फुटेज निकाली। एक जनसेवा केंद्र पर महिला पैसे निकालती दिख रही है, जबकि दूसरे जनसेवा केंद्र पर दो व्यक्ति आए और उन्होंने 500 रुपये महिला के खाते में डाले थे। इस फुटेज के जरिये पुलिस अनिल और सोनू तक पहुंच गई। दोनों को उठाकर उनसे पूछताछ की तो सच सामने आ गया। आरोपी ने बताया कि उन्होंने पहले से प्लानिंग बना ली थी कि बच्चे को अगवा कर भाग जाएंगे और बृजेश से पूरी रकम वसूल लेंगे। इस कहानी को सुनकर सभी हैरान रह गए।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
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