एससी-एसटी एक्ट के तहत सजा, दोषियों पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा
बरेली में दुष्कर्म के बाद युवती की हत्या करने के पांच दोषियों को विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) राकेश त्रिपाठी ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही, प्रत्येक दोषी पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इनमें से दो आरोपी पहले उसी युवती से छेड़खानी के आरोप में जेल गए थे। छूटे तो युवती से दुष्कर्म किया और राज खुलने के डर से उसे मार डाला।

क्योलड़िया थाना क्षेत्र निवासी मृतका के पिता ने पुलिस को बताया था कि उसकी पुत्री के साथ गांव के ही दो युवकों ने छेड़खानी की थी। इसका मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें दोनों युवक जेल भी गए थे। पांच नवंबर 2008 को उनकी बेटी शौच के लिए गई थी, लेकिन घर नहीं लौटी। उसका अर्धनग्न शव एक आरोपी के खेत की मेड़ पर मिला। पिता ने आरोप लगाया था कि पुराने मुकदमे की रंजिश मानकर आरोपियों ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली।विवेचना के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 12 फरवरी 2009 को आरोपपत्र दाखिल किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाहों के बयान कराए गए। न्यायालय ने मेडिकल रिपोर्ट, मृतका की बहन, पिता और भाई की गवाही के आधार पर पांचों दोषियों को सजा सुनाई है।

मासूम से दुष्कर्म के दोषी की सजा पर फैसला 10 फरवरी को
घर के बाहर खेल रही चार साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कुमार मयंक ने आरोपी को दोषी करार दिया है। सजा पर फैसला 10 फरवरी को होगा। घटना भुता थाना क्षेत्र के एक गांव में दो अक्तूबर 2024 को हुई थी।पीड़िता के पिता ने बताया कि उसकी चार वर्षीय बेटी घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान गांव का युवक उसे फुसलाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने चार अक्तूबर 2024 को रिपोर्ट दर्ज कर ली। आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। 13 नवंबर 2024 को आरोपपत्र दाखिल किया गया।
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अभियोजन की ओर से 12 गवाह पेश किए गए। ग्राम प्रधान की ओर से जारी प्रमाणपत्र में पीड़िता की जन्मतिथि छह फरवरी 2021 पाई गई। न्यायालय ने गवाहों को सुनने और पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट को देखने के बाद आरोपी को दोषी करार दिया है। सजा सुनाने के लिए 10 फरवरी की तारीख तय की है।