रामगंगा पुल बंद, लेकिन बसों के लिए खुला रास्ता, फिर भी रोका जा रहा संचालन
Moradabad News : पांच दिनों में भी पांच विभागों के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं बन सका। अधिकारियों की जल्दबाजी और आधी अधूरी तैयारियों ने शहर को संकट में डाल दिया। रामगंगा पुल बंद करने से पहले न तो कोई ठोस प्लान तैयार किया गया और न किसी वैकल्पिक मार्ग की तलाश की गई। जबकि शनिवार को बैठक कर प्रशासन, पुलिस, परिवहन निगम, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बसों के संचालन, यातायात व्यवस्था पर मंथन किया था। पुल बंद होने के बाद भी बसें सीधे शहर में प्रवेश कर मुरादाबाद डिपो तक जा सकती हैं। इनके रास्ते में कहीं भी रामगंगा पुल नहीं पड़ता है। ठोस वैकल्पिक व्यवस्था न होने का खामियाजा बुधवार को भी यात्रियों को भुगतना पड़ा। यात्रियों से मुरादाबाद डिपो तक किराया लिया गया और उन्हें आठ किमी पीछे जीरो प्वाइंट पर ही उतार दिया गया। ऑटो चालकों ने शहर के अंदर तक जाने के लिए मनमाना किराया वसूला, तमाम यात्रियों को पैदल चलना पड़ा।

प्राइवेट बसें बिना रोकटोक शहर के भीतर आवागमन करती रहीं। अमरोहा, गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद, राजस्थान, हरियाणा, लखनऊ, बरेली से आने वाली सभी बसों को एमडीए कार्यालय के सामने अस्थायी बस अड्डे पर ही रुकना पड़ा। प्रशासन व यातायात पुलिस द्वारा जल्दबाजी में जारी किए आदेशों के कारण अस्थायी बस अड्डे पर शौचालय व पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं हो पाई है। यात्रियों व स्टाफ के बैठने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं हैं।

ऐसे भी हो सकता है बसों का संचालन फिर क्यों बंद किए गए दोनों बस अड्डे
प्रशासन व यातायात पुलिस ने दिल्ली, लखनऊ रूट की बसों के लिए दोनों बस अड्डे बंद करा दिए हैं। बस अड्डों को बंद किए बिना भी संचालन किया जा सकता है। लखनऊ, बरेली, आगरा, चंदौसी की ओर से आने वाली बसों को हनुमान मूर्ति तिराहा वाले मार्ग से पीतलनगरी बस अड्डे पर प्रवेश दिया जा सकता है। में आगरा, चंदौसी की बसें इसी मार्ग से वापस भेजी जा सकती हैं। लखनऊ, बरेली, रामपुर की बसों को दिल्ली रोड पर लाकर पाकबड़ा जीरो प्वाइंट से निकाला जा सकता है। दिल्ली, मेरठ, अमरोहा की बसें रोजाना की तरह सीधे मुरादाबाद डिपो से आवागमन कर सकती हैं।

कुंभ की तरह बनाया जाए पांटून पुल
रामगंगा पुल बंद होने पर ज्यादा वैकल्पिक मार्ग न होने के कारण जामा मस्जिद पुल पर छोटे वाहनों का बड़ा दबाव बढ़ गया है। इस पुल पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए महाकुंभ की तरह रामगंगा पुल के बराबर में पांटून पुल बनाया जा सकता है। रामगंगा पुल के पास से नीचे जाने वाला रास्ता कटघर रेलवे स्टेशन के सामने से होते हुए गुलाबबाड़ी फाटक मार्ग से प्रभात मार्केट पर निकलता है। रामगंगा पुल के पास पांटून पुल बनाया जाए तो इस रास्ते से रेलवे स्टेशन रोड पर छोटे वाहन निकाले जा सकते हैं।
पांटून पुल को दूसरे ओर डियर पार्क के पास काशीपुर तिराहे से जोड़ा जा सकता है। इस समय रामगंगा नदी में पानी कम है। 30 से 40 मीटर की दूरी में ही पानी चल रहा है। इसके चलते सीमेंट के बड़े-बड़े पाइप डालकर भी अस्थायी पुल का निर्माण कराया जा सकता है। इससे पैदल, दोपहिया और छोटे वाहन निकाले जा सकते हैं। कई संगठन और व्यापारी भी पुलिस प्रशासन को पांटून पुल बनाने का सुझाव दे सके हैं।
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टीपी नगर से संचालित होना था अस्थायी बस अड्डा एमडीए के अचानक मना करने से बिगड़ गई बात पहले टीपी नगर के अस्थायी बस अड्डे से संचालन की योजना थी। एमडीए के मना करने से अचानक प्रशासन को फैसला लेना पड़ा। बैठक में हमने पक्ष रखा था कि दिल्ली, मेरठ की बसों को अंदर आने दिया जाए लेकिन गागन पुल कमजोर होने का हवाला देते हुए, नया मुरादाबाद से ही संचालन के आदेश हुए। – ममता सिंह, आरएम, परिवहन निगम मुरादाबाद