झोलाछाप डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, क्लीनिक बंद कर फरार
निजी क्लीनिक पर डॉक्टर के गलत उपचार से अनंतराम टोल प्लाजा के टीसी की हालत बिगड़ गई। अधिकारी व कर्मचारी गंभीर हालत में उसे एंबुलेंस से लेकर सीएचसी अजीतमल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। परिजनों ने क्लीनिक के डॉक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया है। उधर, मौत की खबर पाकर झोलाछाप क्लीनिक बंद कर भाग निकला। फर्रुखाबाद के मोहम्दाबाद के गांव उगरपुर गेंडा निवासी कौशल कुमार सिंह (30) जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर स्थित अनंतराम टोल प्लाजा पर (टोल कलक्टर) थे। वह यहां डेढ़ साल से तैनात थे। बुधवार दोपहर अचानक कौशल की तबीयत बिगड़ गई। इस पर टोल कर्मचारी कौशल को फूटा कुआं मोहारी के पास एक डॉक्टर के यहां पर ले गए।

बताते हैं कि झोलाछाप के गलत इंजेक्शन से उसकी हालत बिगड़ गई। जानकारी होने पर टोल प्लाजा के जीएम तेजवीर सिंह व अन्य कर्मचारी नाजुक हालत देख कौशल को एंबुलेंस से सीएचसी अजीतमल ले गए। यहां मौजूद डॉक्टर ने कौशल को मृत घोषित कर दिया। सूचना पर सीओ अजीतमल अशोक सिंह, कोतवाल राजकुमार सिंह भी वहां अस्पताल पहुंच गए। टोल कर्मियों ने घटना की जानकारी फर्रूखाबाद में रहने वाले कौशल के परिवारीजनों को दी। कौशल के शहर में निवास करने वाले बहनोई श्रीप्रकाश और बहन भी तुरंत अस्पताल पहुंच गए। श्रीप्रकाश ने बताया कि कौशल के दो पुत्र सूर्यांश (11) और नन्हे (9) हैं। कोतवाल राजकुमार सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। तहरीर मिलने पर रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। उधर, क्षेत्राधिकारी अजीतमल अशोक कुमार ने बताया कि टोल प्लाजा कर्मचारी की किसी प्राइवेट डॉक्टर के यहां इलाज कराते समय हालत बिगड़ी है। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। झोलाछाप की तलाश की जा रही है।

16 घंटे ली जा रही थी ड्यूटी
अस्पताल पहुंचे टोल कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि टोल प्रशासन ने कौशल से लगातार 16 घंटे तक लगातार काम लिया गया था। टोल प्लाजा की जीएम सत्यवीर ने बताया कि कर्मचारी मौत हुई है। उसने आठ घंटे ड्यूटी की थी। जिसके बाद वह अजीतमल की ओर निकल आया था। उसने किसी प्राइवेट डॉक्टर से इलाज कराया। कर्मचारी ने अतिरिक्त कार्य नहीं किया है।
टोल प्लाजा पर है पैरामेडिकल स्टाफ
अनंतराम टोल प्लाजा पर पैरामेडिकल स्टाफ है। जो टोल प्लाजा स्टॉफ का इलाज करते हैं, लेकिन बुधवार को टोल प्लाजा के पैरामेडिकल टीम ने इलाज क्यों नहीं किया गया। यह एक सवाल बना हुआ है।