पुलिस ने सुलझाई मीनू हत्याकांड की गुत्थी, पति रवि और दो साथियों को किया गिरफ्तार
बरेली में आठवीं वाहिनी पीएसी के सिपाही रवि की पत्नी मीनू की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। मीनू की हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उसके पति और पीएसी के सिपाही रवि ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर की थी। हत्याकांड की उलझी गुत्थी को पुलिस सुलझा लिया है। शुक्रवार को पुलिस लाइन में एसपी उत्तरी ने घटना का खुलासा किया। घटना को अंजाम देने वाले आठवीं वाहिनी पीएसी के सिपाही रवि, एंबुलेंस के नर्सिंग असिस्टेंट और वाहनों की वर्कशॉप में काम करने वाले डेंटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

पहले गुमराह किया, सख्ती पर टूट गया रवि
इंस्पेक्टर बिथरी अभिषेक सिंह और उनकी टीम को रवि शुरू के तीन दिन तक गुमराह करता रहा। वह खुद को हमले का शिकार बताकर निजी अस्पताल में भर्ती रहा जबकि वहां के डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि रवि की सभी रिपोर्ट पूरी तरह ठीक हैं। पुलिस उसे तीन दिन बाद थाने लाई तो उसने कभी प्लॉट देखने तो कभी मीनू को दवा दिलाने की वजह से कार लेकर जाने की बात बताई। हालांकि काफी घुमाने के बाद भी वह पुलिस को न तो उस डॉक्टर से मिलवा सका जिससे मीनू का इलाज चल रहा था और नहीं प्लॉट बेचने वाले को मिलवा सका।

पांच साल की बेटी को मीनू का मोबाइल देकर घर में बंद करके आने की वजह भी वह नहीं बता सका जबकि वह कार लेकर निकला था। इंस्पेक्टर ने चौथे दिन जब उसे हत्या की वह एफआईआर दिखाई जो उसके ससुर ने उसके खिलाफ दर्ज कराई थी तो उसके तेवर ढीले पड़े। जब कॉल डिटेल की मदद से पुलिस पुलिस ने ने शानू शानू को पकड़ लिया तो दोनों दोस्तों ने घटना कबूल ली। शानू ने बताया कि जब रवि ने इस तरह हत्या करने की बात कही कि मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो तो उसने अपने दोस्त जतिन को साथ लिया। मेडिकल स्टोर्स पर मिलने वाले सामान्य इंजेक्शन को दुर्लभ बताकर जतिन ने एडवांस में साठ हजार रुपये रवि से ले लिए। जतिन ने इंस्पेक्टर को बताया कि सब प्लान के मुताबिक था पर रवि की ओवर एक्टिंग ने उन्हें भी फंसा दिया।
एनेस्थीसिया और बेमेल इंजेक्शन की दी सात डोज
रवि ने पुलिस को बताया कि कार की अगली सीट पर मीनू बैठी थी। रवि कार चला रहा था। पीछे की सीट पर डेंटर शानू और नर्सिंग असिस्टेंट जतिन बैठ गए। शानू ने मीनू की गर्दन पीछे से दबोच ली। फिर जतिन ने एक के बाद एक करके मीनू के गले पर सात इंजेक्शन लगाए।