फिरोजाबाद के आसिफ इकबाल के लाइसेंसी हथियारों से बड़ी संख्या में कारतूस खरीदे जाने का खुलासा
आगरा में पकड़े गए असलाह तस्कर गिरोह के तार आसपास के जिलों से भी जुड़ा होना सामने आ रहा है। पुलिस जांच के दौरान तीन शस्त्र विक्रेता भी निशाने पर आए हैं। जिले में यह गिरोह कहां-कहां पर असलाह और कारतूस की सप्लाई कर रहा था,इसकी जांच की जा रही है। सदर पुलिस ने फिरोजाबाद के आसिफ इकबाल के दो शस्त्र लाइसेंसों पर काफी संख्या में कारतूस की खरीद होना पाया है। शस्त्र लाइसेंस की डायरी के पेज फटे हुए मिले। एसीपी सदर विनायक भोसले के नेतृत्व में पुलिस ने अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त में छह आरोपियों को पकड़ा था।

उनके पास से तीन तमंचे, तीन पिस्टल और 220 से अधिक जिंदा कारतूस मिले थे। पिस्टल और तमंचे तो मुंगेर से आए। कारतूस कहां से मिले। पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है। एसीपी ने बताया कि कारतूस शस्त्र की दुकानों से अवैध रूप से जारी कराए जाते हैं। इस गैंग ने भी ऐसा नेटवर्क बना रखा था। यह लोग आसिफ के अलावा भी कई लाइसेंसी हथियार के धारकों से संपर्क में थे।

सात साल पहले खुला था कारतूस घोटाला
वर्ष 2018 में पुलिस ने कारतूस घोटाला पकड़ा था। जांच के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इसमें खुलासा किया था कि शस्त्र विक्रेताओं की दुकानों से ही कारतूस बदमाशों तक पहुंचते हैं। जिनके पास लाइसेंसी शस्त्र हैं उनके सत्यापन की जरूरत है। एक लाइसेंस पर एक साल में सैकड़ों की संख्या में कारतूस जारी हुए हैं। पुलिस को अवैध शस्त्र के साथ कारतूस घोटाले पर भी काम करना चाहिए। उस समय में एक-एक शस्त्र लाइसेंस धारक का सत्यापन हुआ था। दर्जनों की संख्या में शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए थे। उनके पास कारतूसों का हिसाब नहीं मिला था।