बरेली में सिपाही के घर चोरी, पुलिस पहुंची लेकिन चोर नकदी लेकर फरार
सीतापुर में तैनात सिपाही ने तकनीक के सहारे अपने घर में चोरी घुसते दिखे। आधी रात को चोर बरेली के मोहनपुर स्थित उनके बंद घर में घुसे। सिपाही ने सीसीटीवी कैमरों से चोरों की गतिविधियां देखकर स्थानीय पुलिस को सूचित कर दिया। नकटिया चौकी की पुलिस शिकायत पर रात में पहुंची, लेकिन उससे पहले चोर कुछ नकदी लेकर फरार हो गए। सिपाही की पत्नी ने घर लौटकर तहरीर दी। फुटेज के आधार पर पुलिस जांच कर रही है। कैंट थाने के नकटिया मोहनपुर गोल्डन सिटी निवासी उजमा हयात ने बताया कि उनके पति इसरार अली पुलिस विभाग में सीतापुर में तैनात हैं। पति इन दिनों वहीं ड्यूटी पर हैं। पिछले दिनों वह अपने मायके बीसलपुर गई थीं। इस दौरान उनके घर में ताला पड़ा था। बताया कि पति इसरार अली ने घर में सीसीटीवी लगा रखे हैं, उसकी लाइव लोकेशन वह उनके मोबाइल से देखते रहे हैं। रविवार की रात के समय जब पति ने घर का कैमरा चेक किया तो देखा कि उनके घर में तीन चोर घुसे हुए थे।

गुल्लक के रुपये भी ले गए चोर
इसरार ने कैमरे से उसके लाइव वीडियो व फोटो सुरक्षित कर लिए। साथ ही तत्काल उन्होंने नकटिया चौकी प्रभारी को इसकी सूचना दे दी। रात में ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस आने की भनक लगते ही चोर वहां से कुछ नगदी समेटकर फरार हो गए। उजमा भी सूचना पाकर सोमवार सुबह घर पहुंच गईं। घर पहुंचकर देखा तो पंद्रह हजार रुपये, गुल्लक में रखे लगभग चार हजार रुपये और बक्से में रखे तीन हजार रुपये चोर लेकर चले गए। उजमा ने चौकी पुलिस को तहरीर दी है। कैंट पुलिस मामले की जांच व फुटेज के आधार पर चोरों की पहचान कर रही है।

सेना के शूटर थे इसरार, 2018 में हुए थे भर्ती
इसरार अली पुलिस में भर्ती से पहले भारतीय सेना में नायक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। जाट रेजीमेंट सेंटर के बेस्ट फायरर, शूटिंग में गोल्ड मेडल और एग्जम्पलरी अवॉर्ड से उन्हें नवाजा गया था। वर्ष 2018 में पुलिस लाइन बरेली में भर्ती के दौरान मेडिकल में नजर कमजोर बताकर फेल किया गया था। तब इसरार ने रामपुर गार्डन स्थित एक निजी अस्पताल समेत जयपुर मिलिट्री अस्पताल से आंखें चेक कराईं। जहां उनकी दृष्टि क्षमता सही मिली थी। उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वह हाईकोर्ट पहुंचे। अमर उजाला ने भी उनकी कानूनी लड़ाई में आवाज उठाई। जयपुर मिलिट्री हॉस्पिटल की रिपोर्ट को आधार मानकर आंखों की क्षमता को सटीक माना गया। उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती बोर्ड मुख्यालय को हाईकोर्ट ने सफल घोषित कर नियमानुसार ट्रेनिंग पर भेजने का आदेश दिया था। इसके बाद से वह पुलिस की सेवा में लगे हैं।