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ड्रग तस्करी का हैरान कर देने वाला तरीका, लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ी गई महिला के पेट से निकले कैप्सूल

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डीआरआई की टीम ने अफ्रीकी महिला को लखनऊ एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार

लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर ड्रग तस्करी में पिछले दिनों पकड़ी गई अफ्रीकी महिला तस्कर अनीता नाबाफू वामुकूता के मल से मादक पदार्थ से भरे 30 कैप्सूल बरामद हुए हैं। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने शनिवार को अफ्रीकी महिला को गिरफ्तार किया था। उसने बरामद कैप्सूल निगल रखे थे, जिन्हें तीन दिनों की चिकित्सकीय निगरानी के बाद केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में मल के जरिये बाहर निकाला गया। कैप्सूल से करीब 500 ग्राम मेथाक्वालोन मिला है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 25 लाख रुपये बताई जा रही है।

गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
डीआरआई को दुबई से लखनऊ आने वाली फ्लाइट संख्या एफजेड443 को लेकर खुफिया सूचना मिली थी। फ्लाइट की जांच के दौरान एक अफ्रीकी महिला यात्री पर संदेह हुआ। इमिग्रेशन विभाग के सहयोग से महिला से पूछताछ की गई, जिसमें उसने कबूला कि उसने नशीले पदार्थ निगल रखे हैं।

एक्स-रे और सीटी स्कैन से हुआ ड्रग्स का खुलासा
महिला को तुरंत श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल लाया गया, जहां एक्स-रे जांच में पेट में कैप्सूल की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया, जहां सीटी स्कैन जांच में यह भी सामने आया कि महिला ने अपने अंतर्वस्त्र में चार और कैप्सूल छिपा रखे थे। टीम ने इन चारों कैप्सूल को भी जब्त कर लिया।

तीन दिन तक चला कैप्सूल निकालने का प्रयास
केजीएमयू में पांच से आठ अप्रैल तक महिला को विशेष निगरानी में रखा गया। डॉक्टरों के अनुसार, महिला ने जानबूझकर भोजन से परहेज किया था, ताकि पेट में मौजूद कैप्सूल बिना किसी रुकावट के बाहर निकल सके। तीन दिन तक नियंत्रित आहार देने के बाद कुल 30 कैप्सूल मल के जरिये बरामद किए गए। इन कैप्सूल में सफेद रंग का पाउडर भरा था, जिसकी जांच में पुष्टि हुई कि वह मेथाक्वालोन नामक मादक पदार्थ है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 25 लाख रुपये बताई गई है।

अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क की कड़ी
पूछताछ में महिला ने खुलासा किया कि वह युगांडा की रहने वाली है और एक ड्रग कूरियर के रूप में कार्य कर रही थी। उसका काम प्रतिबंधित ड्रग्स को युगांडा से लखनऊ तक पहुंचाना था। मेडिकल परीक्षण और पूछताछ के बाद बुधवार को महिला को जेल भेज दिया गया। DRI अब इस पूरे मामले में अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई है।

Jarees malik

Sarkar Ki Kahani
M: 9997411800, 9719616444

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