एसटीएफ ने गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से बरामद की सिम कार्ड और कार, जालसाजी का खुलासा
खुद को सीबीआई, क्राइम ब्रांच और नारकोटिक्स विभाग का अफसर बताकर लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह में शामिल दो जालसाजों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों में प्रयागराज के होलागढ़ हसनपुर निवासी विरेंद्र यादव उर्फ सूरज और चिनहट के बटलर हाइट्स निवासी सुरजीत कुमार है। दोनों आरोपी गिरोह को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। दोनों के कब्जे से जाली आधार कार्ड, चेकबुक, पासबुक और बैंक खातों से लिंक सिम कार्ड, एक कार व अन्य सामान बरामद किए गए हैं। दोनों ने लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन की बात कबूली है।

एसटीएफ में एएसपी अमित कुमार नागर के मुताबिक मुखबिर ने सूचना दी थी कि डिजिटल अरेस्ट कर रुपये वसूलने वाले गिरोह के लोग खरगापुर के पास खड़े हैं। इसके बाद टीम बनाकर दोनों को पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपी विरेंद्र ने बताया कि वह और उसका साथी साइबर क्राइम करने वाले गिरोह से ऑनलाइन एप के जरिये संपर्क में रहते हैं। साइबर अपराधी उनसे अपनी पहचान छिपाकर बात करते हैं। इसके लिए टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया जाता है। ठग उन्हें खातों की जानकारी देने के बदले कमीशन देते हैं।

रुपये को यूएस डॉलर में बदलकर आरोपियों को भेजते
डिजिटल अरेस्ट के पीड़ितों की रकम आरोपियों के दिए गए खातों में ट्रांसफर की जाती है। इसके बाद आरोपी अलग-अलग एप के माध्यम से उस रकम को दूसरे खातों में भेज देते हैं। इसके बाद बिजनेस एप के जरिए उस रुपये को यूएस डॉलर में बदलकर आरोपियों को भेज देते हैं। इसके लिए उन्हें मोटी रकम मिलती है और नाम भी कहीं नहीं आता है। आरोपी लोगों से बात कर उनके खातों का ब्योरा लेते समय जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल करते थे।
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बाईपास एप्लीकेशन का इस्तेमाल
बार-बार ओटीपी न डालना पड़े, इसके लिए आरोपी बाईपास एप्लीकेशन का इस्तेमाल करते थे। इससे वे अधिक से अधिक रकम ट्रांसफर कर सकते थे। विरेंद्र के फोन से एक कॉर्पोरेट अकाउंट फर्म फोर्थ ड्रीम इवेंट्स का खाता नंबर मिला जो द्वारका नगर का निकला। इस खाते के संबंध में अलग-अलग राज्यों से 41 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। एसटीएफ ने दोनों आरोपियों के मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। दोनों के खिलाफ गोमतीनगर विस्तार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। आरोपियों के साथियों के बारे में भी एसटीएफ पता लगा रही है।