पिता ने सीएमओ से की लिखित शिकायत
बिना डिग्री और पंजीकृत के संचालित था अस्पताल

मुरादाबाद। जिले में फिर एक झोलाछाप डॉक्टर ने तीन महीने की बच्ची की जान ले ली। बच्ची बुखार से तप रहीं थीं। चक्कर की मिलक निवासी अपनी बच्ची को 26 जुलाई को सिविल लाइन स्थित एक झोलाछाप डॉक्टर के पास इलाज के लिए लेकर अस्पताल पहुंचे थी। डॉक्टर की अनुपस्थिति में उसके बेटे ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया।
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जिसके महज 15 मिनट बाद ही बच्ची की हालत बिगड़ गई और मुंह से झाग आने लगे। परिजन बच्ची को गंभीर अवस्था में तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
मृतका के पिता ने घटना के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) मुरादाबाद को लिखित शिकायत दी है। शिकायतकर्ता ने बताया कि बच्ची को दफनाने के बाद जब उन्होंने जानकारी जुटाई तो पता चला कि उक्त झोलाछाप डॉक्टर और उसका बेटा न तो किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से डिग्रीधारी हैं और न ही उनका क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत है।
आरोप लगाया कि यह झोलाछाप डॉक्टर वर्षों से बिना किसी वैध अनुमति के मासूमों और आमजन का इलाज कर रहा है। उन्होंने सीएमओ से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में किसी और मासूम की जान न जाए।
स्वास्थ्य विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में
इस घटना ने जिले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। झोलाछाप डॉक्टर किसकी निगरानी में बिना पंजीकरण के इलाज कर रहे हैं? यह जांच का विषय है। यदि समय रहते स्वास्थ्य विभाग ने इस फर्जी क्लीनिक पर कार्रवाई की होती, तो शायद बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।
अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है। पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या यह मामला भी अन्य झोलाछापों की तरह फाइलों में दफन होकर रह जाएगा?
ये बोले सीएमओ डा. कुलदीप चौधरी

कार्यालय में शिकायत प्राप्त हुई है इस मामले की जांच कराई जाएगी। यदि डाक्टर के पास कोई डिग्री नहीं है या कार्यालय में पंजीकृत नहीं है तो अवश्य कार्यवाही कराई जाएगी। संबंधित थाने में डाक्टर और उसके बेटे के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।